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पवित्र सरयू के जल से नहलाए गए भोलेनाथ, उमड़ा कांवड़ियों का सैलाब

अटूट आस्था और श्रद्धा का सैलाब चहुंओर उमड़ा। बाबा भद्रेश्वरनाथ धाम में कांवड़ उत्सव देखते बन रहा था। हर कोई शिव भक्ति की अलौकिक छटा में सराबोर दिखा

By JagranEdited By: Published: Thu, 09 Aug 2018 11:00 PM (IST)Updated: Thu, 09 Aug 2018 11:00 PM (IST)
पवित्र सरयू के जल से नहलाए गए भोलेनाथ, उमड़ा कांवड़ियों का सैलाब
पवित्र सरयू के जल से नहलाए गए भोलेनाथ, उमड़ा कांवड़ियों का सैलाब

बस्ती : अटूट आस्था और श्रद्धा का सैलाब चहुंओर उमड़ा। बाबा भद्रेश्वरनाथ धाम में कांवड़ उत्सव देखते बन रहा था। हर कोई शिव भक्ति की अलौकिक छटा में सराबोर दिखा। गेरुआधारी पूर्व संध्या से ही बाबा दरबार के चौहद्दी में डेरा जमा लिए। बाग-बगीचा, सड़कों की दोनों पटरिया, निकटवर्ती घरों के बरामदे, सरकारी भवन, नुक्कड़, चौराहे, चाय पान की दुकानें भक्तों से खचाखच भरी रहीं। भोलेनाथ की महिमा के बखान से जुड़े गीतों की धुन कदम-कदम पर बजती रही। भक्ति भाव में लीन लाखों की तादाद में श्रद्धालु जलाभिषेक के शुभ मुहुर्त के इंतजार में थे। जैसे ही आधी रात हुई और मंदिर का कपाट खुला। श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। श्रावण मास के तेरस के मुहुर्त में हर-हर महादेव और बोल बम की गूंज से शिव दरबार गूंज उठा। भोलेनाथ पवित्र सरयू के जल से नहलाए जाने लगे। मंदिर में भक्तों का हुजूम दिन भर कम नहीं हुआ। लगभग 70 किमी पैदल यात्रा के बाद भी कांवड़ियों के थके पैर रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। जब तक गर्भ गृह में पहुंच शिव ¨लग का दर्शन और जलाभिषेक नहीं हुआ किसी को चैन नहीं रहा। जल चढ़ाने के बाद भी लोग अपनी भक्ति, साधना को सफल मानें। मंदिर जाने के सभी रास्ते कांवड़ियों से खचाखच भरे रहे। जलाभिषेक के दौरान सभी रास्तों पर गेरुआधारियां के उमड़ने से लोग भीड़ के दबाव में कदम बढ़ा पा रहे थे। फिर भी भक्ति का जुनून कम नहीं हुआ। यहां तक कि रास्ते में यदि कोई अवरोध मिला तो भक्त सड़क छोड़ झाड़ झंखाड़ को रौंदते नजर आ रहे थे। मंदिर में जलाभिषेक का सिलसिला दिन भर चला। मंदिर से लेकर कचहरी चौराहा और अमहट तक बसेरा बनाए कांवड़िए भोलेनाथ को नहलाने के लिए चलते ही रह गए। मंदिर में घंट घड़ियाल की गूंज निरंतर होती रही। गर्भगृह के बाहर जलाभिषेक के बाद लोग धूप, कपूर, अगरबत्ती के साथ पूजन अर्चन भी किए। भद्रेश्वरनाथ धाम के आस पास के गांव में भी कांवड़ियों की धूम रही। मुख्य मार्ग पर भक्तों की भारी भीड़ जमा होने से लोग परिवर्तित मार्ग ढूंढकर दरबार में पहुंचते रहे।

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पूरी रात हाइवे पर चलते रहे कांवड़िए

बुधवार की रात भर अयोध्या से कांवड़ लेकर आने का सिलसिला शिवभक्तों का जारी रहा। अधिकांश पैदल कांवड़िए जहां देर शाम तक भद्रेश्वर नाथ धाम और उसके इर्द-गिर्द आकर डेरा जमा लिए थे, वहीं कुछ कांवड़िए रात भर चलते ही रह गए। सफेद पोशाक वाले कांवड़िए अयोध्या से भद्रेश्वरनाथ की दूरी जल लेकर महज 15 से 20 घंटे में पूरी करते हैं। इसलिए पूरी रात सड़कों पर उनके कदम तेजी से बढ़ रहे थे। सुबह 10 बजते-बजते इन शिव भक्तों का भी जलाभिषेक हुआ। इसके अलावा बाइक सवार कांवड़ियों का तांता अयोध्या से बस्ती तक नहीं टूटा। फोरलेन पर एक तरफ से जाना और दूसरी ओर से आने का क्रम दिन भर जारी रहा। मानो भद्रेश्वर से अयोध्या तक शिव दरबार सजा हो।

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महिला कांवड़ियों की भी रही धूम

कांवड़ उत्सव में महिला श्रद्धालुओं की भी धूम रही। कुछ पैदल चलकर अयोध्या से बस्ती पहुंचीं तो बाइक पर अपने परिजनों के साथ कांवड़ लेकर भोले दरबार पहुंचीं। हालांकि जलाभिषेक के दौरान उमड़ी भीड़ में उन्हें कठिनाई हुई लेकिन भक्ति का जज्बा कम नहीं हुआ।

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इन शिवालयों पर भी उमड़े कांवड़िए

जनपद के अन्य शिवालयों पर कांवड़ियों की धूम रही। अयोध्या के सरयू तट से जल लेकर लोग बस्ती- मुंडेरवा मार्ग स्थित कड़र मंदिर, देवरिया मंदिर, हाइवे पर स्थित तिलकपुर मंदिर, बाबा भारीनाथ मंदिर में शिव भक्तों की भीड़ पहुंचती रही। इन जगहों पर भी शिव¨लग को आस्था के जल से नहलाया गया। श्रद्धालुओं ने भोलेनाथ से अपनी मनोकामना को पूरा करने की मन्नतें मांगी। इन शिवालयों पर भी कांवड़ियों की भीड़ जमा रही।


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