जीवन जीने की कला सिखाती है भागवत कथा
मनुष्य इस कथा को ध्यान पूर्वक सुनकर भवसागर पार हो सकता है।
बस्ती: रुधौली में चल रहे 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ के तीसरे दिन रविवार रात को कथा व्यास राजकुमार भृगु ने कहा कि श्रीमछ्वागवत कथा पुराण मानव जीवन जीने की कला सिखाती है। जहां भी श्रीमछ्वागवत कथा हो रही हो वहां जरूर शामिल होना चाहिए।
कहा कि हिन्दुओं के शास्त्रों में वेद व गीता विशेष हैं। उनके साथ अठारह पुराण व चार वेद हैं, जिनमें श्रीमद् भागवत सुधासागर, रामायण, महाभारत भी विशेष प्रमाणित शास्त्रों में शामिल हैं। श्रीमद्भागवत ऐसी कथा है। जिसके सुनने से दैहिक, दैविक पापों से मुक्ति मिल जाती है। मनुष्य इस कथा को ध्यान पूर्वक सुनकर भवसागर पार हो सकता है। मानव यदि जीवन पर्यंत कोई कर्म करता रहे और पाप कर्म करते करते मर जाए एवं भयंकर भूत प्रेत योनि में चला जाए तो उसके नाम से श्रीमद् भागवत कथा कराना चाहिए। इससे उस व्यक्ति को मोक्ष मिलता है।
सत्यराम चौधरी, सुभाष चंद्र वर्मा, जटाशंकर मिश्र ,करमचंद पाण्डेय, दिलीप गौड़, संजय उपाध्याय, केडी सिंह, एसके सिंह, प्रदीप पाठक, नागेन्द्र सिंह, लाल बाबू , सत्यदेव सिंह, परमानंद, आदित्य गुप्ता, गोपाल सिंह रविशंकर, फूलचंद यादव, रवि जायसवाल, राजकुमार सोनी आदि मौजूद रहे।