यहां भगवान राम ने किया था प्रवास
श्रद्धालु लगाते हैं लिट्टी चोखा
बस्ती: लालगंज में कुआनो-मनोरमा नदी के संगम तट पर प्रतिवर्ष चैत्र पूर्णिमा पर मेला लगता है। कहा जाता है कि त्रेता युग में भगवान राम ने जनकपुर से अयोध्या लौटते समय नदी तट पर स्थित उद्यालक मुनि के आश्रम में प्रवास किया था। उन्होंने यहां स्नान कर तट पर स्थित भगवान मोक्षेश्वर नाथ का दर्शन-पूजन किया था। उन्होंने यहां भोजन भी किया था। जिस दिन उन्होंने यहां भोजन किया था, उस दिन चैत्र की चतुर्दशी तिथि थी। भगवान राम ने यहां स्नान किया था और तभी से यहां मेला लगने की परंपरा है।
मंदिर के पुजारी हृदय राम गिरी का कहते हैं कि भगवान जब जनकपुर से माता सीता के साथ लौट रहे थे तब उन्होंने यहां प्रवास किया था।
यहां जुटने वाले श्रद्धालु संगम तट पर चतुर्दशी के दिन लिट्टी-चोखा बनाते हैं और उसे भगवान का प्रसाद मानकर ग्रहण करते हैं। अगले दिन संगम स्नान करते हैं और भगवान मोक्षेश्वर नाथ का दर्शन करते हैं। वे मेला में हिस्सा लेते हैं। इस वर्ष मेला 18 अप्रैल से शुरू हो रहा है।
मेले की खास बात यह भी है कि लोग यहां लकड़ी के फर्नीचर, कृषि यंत्र, मसाले, मेंहदावल का केला, मनोरमा नदी का गट्टा (पानी में पैदा होने वाला फल) की विशेष रूप से खरीदारी करते हैं।
मेला समिति के अध्यक्ष लालगंज के ग्राम प्रधान रामदौड़ चौधरी ने बताया कि इस बार बदायूं, मुरादाबाद, बाराबंकी, गोरखपुर, अकबरपुर, आंबेडकर नगर व सिद्धार्थनगर जनपदों से बड़ी संख्या में दुकानदार आए हैं।