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    आईजीआरएस में बस्ती को मिली पहली बार फर्स्ट रैंक, अंबेडकरनगर को मिला दूसरा स्थान

    Updated: Mon, 10 Nov 2025 10:11 PM (IST)

    बस्ती जिले ने एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली (आईजीआरएस) में पहली बार प्रथम स्थान प्राप्त किया है। मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी रैंकिंग में बस्ती को यह उपलब्धि मिली है। अंबेडकरनगर जिले को दूसरा स्थान मिला है। आईजीआरएस एक ऑनलाइन प्रणाली है जिसके माध्यम से नागरिक अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं।

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    आईजीआरएस में बस्ती को मिली पहली बार फर्स्ट रैंक।

    जागरण संवाददाता, बस्ती। आईजीआरएस निस्तारण की रैंकिंग में बस्ती जनपद प्रदेश में चमक गया है। यह उपलब्धि पहली बार मिली है। डीएम कृत्तिका ज्योत्सना ने इसका श्रेय तत्कालीन डीएम रवीश गुप्ता, एडीएम प्रतिपाल सिंह चौहान सहित सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को दिया है। उन्होंने कहा कि यह सफलता बेहतर टीम वर्क का परिणाम है। शासन स्तर से इसकी निरंतर मानीटरिंग भी होती रहती है।

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    एडीएम प्रतिपाल सिंह चौहान ने बताया कि नेतृत्व क्षमता और टीम वर्क से अक्टूबर माह की बड़ी उपलब्धि है। इसमें अधिकारी से लेकर कर्मचारियों ने पूरी लगन से कार्य किया है। जिलाधिकारी स्तर से सप्ताह में एक दिन इसकी मॉनिटरिंग होती रही।

    कुल 140 पूर्णांक में बस्ती को 134 नंबर मिले, जिसमें प्रतिशत 95.71 है। प्रदेश में दूसरा स्थान अंबेडकरनगर को मिला है। प्रदेश स्तर से जारी सूची में सिद्धार्थनगर जनपद की रैंक 27 आई है। महराजगंज 30 वें, गोरखपुर जनपद का स्थान 37 वें स्थान पर है। संतकबीर नगर और कुशीनगर की रैंक 43 आई है, जबकि देवरिया 69 पावदान पर है।

    ई-डिस्टिक मैनेजर सौरभ कुमार द्विवेदी ने बताया कि पहली बार ऐसा मौका आया है, जब जिला प्रदेश की सूची में सबसे ऊपर है। इसके पहले सितंबर में सातवीं रैंक आई थी।तभी सभी ने यह तय कर लिया था की शिकायतों का त्वरित निस्तारण कर इस बार पहला स्थान लाना है।

    बताया कि अक्टूबर में कुल 239 संदर्भ आए थे, जिन्हें मार्किंग में 102 दिवस लगे थे। औसत दिवस 0.45 रहा। विगत छह माह में प्रति माह औसत संदर्भों की संख्या 4967 थी। आलोच्य माह में 541 फीड बैक की संख्या थी, असंतोषजनक फीड बैक 113 था। मुख्यमंत्री कार्यालय से सिर्फ छह संदर्भ आए थे।

    अधीनस्थों के रैंडम श्रेणीकरण का मासिक लक्ष्य 30 था, जिसके सापेक्ष 37 संदर्भ निस्तारित किए गए। भौतिक सत्यापन का मासिक लक्ष्य 40 थे, लेकिन जिले में 45 संदर्भों का निस्तारण किया गया। इसके चलते यह उपलब्धि मिली है।