Basti News: दहेज में पांच लाख की मांग, न देने पर विवाहिता को लाठी-डंडे से पीटकर घर से बाहर निकालने का आरोप
मामला पैकोलिया थाने के तेनुआ गांव का है। विवाहिता का आरोप है कि 2014 में शादी के दौरान माता -पिता ने तीन लाख रुपये दी थी। उसके बाद भी दहेज के लिए उसे प्रताड़ित किया गया। उसने पति और जेठ के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
बस्ती, जागरण संवाददाता। बस्ती जिले में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां पैकोलिया थानाक्षेत्र के तेनुआ गांव में विवाहिता के मायकेवालों से पांच लाख रुपये दहेज की मांग पूरा न होने पर विवाहिता को मारपीट कर घर से बाहर निकाल दिया गया। पुलिस ने विवाहिता की तहरीर पर पति व जेठ के विरुद्ध दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज कर मामले की छानबीन शुरू कर दी है।
यह है पूरा मामला
तेनुआ गांव निवासी सलमा खातून पत्नी अमजद खान ने पुलिस को दी गई तहरीर में बताया कि उसकी शादी 2014 में रीति रिवाज के साथ अमजद खान से हुई थी। शादी के दौरान विदाई के समय उसके माता-पिता ने हैसियत अनुसार फ्रिज, कूलर, बाइक, तीन लाख रुपये नकद और घरेलू सामान दिया था। शादी के बाद से ही उसके पति और जेठ नफीस दहेज की मांग करने लगे। इसे लेकर उन्हें प्रताड़ित भी किया जाने लगा। हाल ही में उसके मायकेवालों से बिजनेस करने के लिए पांच लाख रुपये की मांग की गई। न दे पाने की स्थिति में अपशब्द कहते हुए 22 अप्रैल को कमरे में बंद कर उसे लाठी-डंडे से मारा पीटा गया। बाद में घर से बाहर निकाल दिया। थानाध्यक्ष योगेंद्र कुमार ने बताया कि दोनों आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
पूनम की मौत मामले में कार्रवाई के लिए धरना
मालवीय रोड पर तीन दिन पहले सड़क हादसे में हुई नगर पंचायत कप्तानगंज से सभासद की निर्दल प्रत्याशी पूनम वर्मा की हुई मौत को लेकर पीआरजे की नगर पालिका परिषद बस्ती की अध्यक्ष पद की प्रत्याशी शालू चौधरी राजपाल समर्थकों के साथ रौता चौराहे के पास सड़क पर धरने पर बैठ गई। आरोप लगाया कि पुलिस वैन से यह घटना हुई है लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। धरना स्थल पर रौता चौकी इंचार्ज और कोतवाल शशांक शेखर राय के अलावा उप जिलाधिकारी शैलेश दूबे पहुंचे।
धरने पर बैठे राजपाल के समर्थकों ने पूनम वर्मा के परिवार को 50 लाख का मुआवजा देने, चुनाव लड़ रहे निर्दल प्रत्याशियों को सुरक्षा तथा अधिशासी अधिकारी नगर पालिका को निलंबित करने की मांग की। चेताया 24 घंटे के अंदर मांगों पर कार्रवाई नहीं हुई तो वह फिर से धरना देंगे। बहरहाल बातचीत में समझाने के बाद वह लोग मान गए और धरना समाप्त कर दिया।