Basti News: पूर्व विधायक संजय जायसवाल और कंचना सिंह सहित सात को तीन वर्ष की सजा, MP-MLA कोर्ट ने सुनाया फैसला
Basti News एमपी-एमएलए कोर्ट की मजिस्ट्रेट अर्पिता यादव ने 20 वर्ष पहले हुए एमएलसी चुनाव में मतगणना के दौरान व्यवधान डालने व सरकारी काम में बाधा पहुंचाने के आरोपित पूर्व विधायक संजय प्रताप जायसवाल पूर्व प्रमुख त्र्यंबक पाठक तत्कालीन एमएलसी प्रत्याशी कंचना सिंह सहित सात लोगों को दोषी ठहराया है।
जागरण संवाददाता, बस्तीः एमपी-एमएलए कोर्ट की मजिस्ट्रेट अर्पिता यादव ने 20 वर्ष पहले हुए एमएलसी चुनाव में मतगणना के दौरान व्यवधान डालने व सरकारी काम में बाधा पहुंचाने के आरोपित पूर्व विधायक संजय प्रताप जायसवाल, पूर्व प्रमुख त्र्यंबक पाठक, महेश सिंह तथा तत्कालीन एमएलसी प्रत्याशी कंचना सिंह सहित सात लोगों को दोषी ठहराया है।
न्यायालय ने सभी आरोपितों को तीन वर्ष के कठोर कारावास से दंडित किया है। प्रत्येक को 4500 रुपये अर्थदंड भी देना होगा। अर्थदंड ना देने पर दो माह 10 दिन की अतिरक्त सजा भुगतनी होगी। सजा सुनाए जाने के बाद सभी आरोपितों ने उसी कोर्ट में जमानत प्रार्थना पत्र दाखिल किया, जिसमें सभी को जमानत दे दी गई।
ये था मामला
राज्य की ओर से विशेष अधिवक्ता देवानंद सिंह व रश्मि त्रिपाठी ने न्यायालय में घटनाक्रम की जानकारी देते हुए कहा कि वर्ष 2003 में बस्ती-सिद्धार्थनगर स्थानीय प्राधिकारी विधान परिषद के चुनाव में मतदान के बाद तीन दिसंबर 2003 को तहसील भवन में मतगणना हो रही थी। मतगणना अंतिम चरण में थी। 3:45 बजे एमएलसी प्रत्याशी कंचना सिंह अपने पति आदित्य विक्रम सिंह निवासी अठदमा स्टेट थाना रुधौली, संजय प्रताप जायसवाल पूर्व विधायक निवासी पांडे बाजार थाना पुरानी बस्ती, मोहम्मद इरफान पुत्र पूर्व विधायक कमाल यूसुफ निवासी डुमरियागंज, जिला सिद्धार्थनगर, पूर्व प्रमुख गौर महेश सिंह निवासी ग्राम डुहवा थाना गौर, पूर्व प्रमुख परसरामपुर त्रयम्बक पाठक निवासी ग्राम तक्कीपुर थाना परसरामपुर, पूर्व प्रमुख सल्टौआ बृजभूषण सिंह निवासी ग्राम पिपरा संसारपुर थाना वाल्टरगंज और अशोक सिंह निवासी ग्राम पड़री थाना रुधौली के साथ 30- 40 समर्थकों को लेकर मतगणना स्थल पर पहुंची।
सुरक्षा में लगे क्षेत्राधिकारी ओमप्रकाश सिंह से भी कहासुनी की। इन लोगों ने मतगणना कर रहे एआरओ से भी बदसलूकी की तथा 50 मतपत्र भी उठा ले गए। तत्कालीन जिलाधिकारी के निर्देश पर सहायक निर्वाचन अधिकारी राजीव शर्मा, जगन्नाथ प्रसाद और श्रीश दुबे की तरफ से शिकायती प्रार्थना पत्र देकर कोतवाली थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था।
विवेचना होने के बाद सभी आरोपितों के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। सुनवाई के दौरान पूर्व प्रमुख बृजभूषण सिंह की मृत्यु हो गई बाकी सभी अन्य आरोपितों के विरुद्ध सुनवाई पूरी हुई। शासकीय अधिवक्ताओं ने 10 गवाह प्रस्तुत किए। दोनों पक्ष की दलील सुनने के बाद न्यायालय ने गाली देने और जान से मारने की धमकी देने की लगी धारा 504 ,506 आइपीसी मे सभी आरोपितों को बरी कर दिया। 147, 323, 353, 332 और 382 आइपीसी तथा 7 क्रिमिनल ला अमेंडमेंट एक्ट एवं 136 लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम में मुकदमें में आरोपित किए गए सभी सात लोगों को दोषी ठहराया गया है। सजा तीन साल से कम होने के कारण उसी अदालत से आरोपितों को जमानत मिल गई।