Basti News: किशोरी की हत्या के दोषी पिता व चाचा को उम्रकैद; गैर इरादतन हत्या के मामले में 6 को 10 साल की सजा
सहायक शासकीय अधिवक्ता ने अदालत में कहा कि वाल्टरगंज थाना क्षेत्र के बरहटा गांव के वाजिद अली और उसके भाई अहमद को इस बात का शक था की वाजिद अली की बेटी 17 वर्षीय बेबी किसी से फोन पर बात करती है। यह बात दोनों को नागवार लग रही थी।
बस्ती, जागरण संवाददाता। विशेष सत्र न्यायाधीश ईसी एक्ट शिवचंद ने किशोरी की जलाकर हत्या करने वाले उसके पिता व चाचा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। न्यायालय ने प्रत्येक को 20 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। अर्थ दंड न देने पर 6 माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
सहायक शासकीय अधिवक्ता राघवेश पांडेय ने अदालत में कहा कि वाल्टरगंज थाना क्षेत्र के बरहटा गांव के वाजिद अली और उसके भाई अहमद को इस बात का शक था की वाजिद अली की बेटी 17 वर्षीय बेबी किसी से फोन पर बात करती है। यह बात दोनों को नागवार लग रही थी।
मिट्टी का तेल छिड़क कर लगाई आग
18 मई 2017 को दिन में 11 बजे बेबी को फोन पर बात करते देख, नाराज दोनों भाइयों ने उसके ऊपर मिट्टी तेल छिड़ककर आग लगा दिया। गांव के किसी ने डायल 108 पर फोन कर एंबुलेंस बुलाया। काफी हद तक जल चुकी बेबी को जिला चिकित्सालय ले जाया गया।
पीड़िता की खराब हालत को देखते हुए उसे मेडिकल कालेज गोरखपुर रेफर कर दिया गया। वहां उसी दिन बेबी की मौत हो गई। इस घटना की शिकायत मृतका की मां ने ही अपने पति व देवर के विरुद्ध थाना वाल्टरगंज में दर्ज कराई थी। विवेचना के बाद दोनों के विरुद्ध आरोप पत्र अदालत में दाखिल हुआ। अदालत ने सुनवाई के बाद दोनों भाइयों को हत्या के जुर्म में दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
गैर इरादतन हत्या के मामले में तीन भाइयों सहित छह को 10 वर्ष की कैद
बस्ती। अपर सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार खरवार ने गैर इरादतन हत्या के मामले में तीन सगे भाइयों सहित 6 लोगों को 10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है प्रत्येक को 8500 रुपये अर्थ दंड भी देना होगा। अर्थदंड का भुगतान न करने पर 9 माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
सहायक शासकीय अधिवक्ता दुर्गा प्रसाद उपाध्याय ने अदालत में कहा कि मुंडेरवा थाना क्षेत्र के कराह पिठिया गांव निवासी टिकोरी व मनीराम के बीच मुकदमे बाजी चल रही थी। 10 अक्टूबर 2011 को मनीराम अपने पुत्र गिरिजेश के साथ कचहरी में मुकदमा पैरवी करने के लिए जा रहा था। रास्ते में राम कुमार चौधरी, टिकोरी बेलदार व उसके 3 पुत्र दुर्विजय, राम विजय व श्याम विजय तथा नरोत्तम चौधरी, भोलानाथ चौधरी, रामचंद्र व कमरुद्दीन गन्ने के खेत में छिपे हुए थे।
जैसे ही मनीराम वहां पहुंचे लाठी डंडा भुजाली से उनके ऊपर हमला बोल दिए, जिससे मनीराम को गंभीर चोटें आईं, उन्हें जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डाक्टर ने उन्हें मृत घोषित किया। गिरिजेश की शिकायत पर 9 के विरुद्ध मुकदमा दर्ज हुआ। कमरुद्दीन व रामचंद्र का नाम विवेचक ने निकाल दिया। राम कुमार की मुकदमा के दौरान मृत्यु हो गई। मनीराम के शरीर पर 13 चोट पाई गई थी। गवाहों के बयान व दोनों पक्ष की दलील सुनने के बाद अदालत ने सभी छह आरोपितों को दंडित किया है।