आशा व ईएमटी ने एंबुलेंस में कराया प्रसव, जच्चा-बच्चा स्वस्थ
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बहादुरपुर अन्तर्गत विरउपुर गांव से एक महिला के प्रसव सम्बन्धी पीड़ा होने की सूचना एंबुलेंस कर्मियों को फोन के जरिए मिली। ईएमटी श्रीराम मौर्य मय एंबुलेंस चालक कमलाकांत त्रिपाठी के साथ उक्त गांव में पंहुचे।
बस्ती: प्रदेश सरकार द्वारा संचालित 102 एंबुलेंस में तैनात कर्मियों व आशा कार्यकर्ता की सक्रियता से प्रसूता व नवजात की जान बच गई। एम्बुलेंस में महिला की हालत नाजुक होता देख ईएमटी (आपातकालीन मेडिकल तकनीशियन) ने आशा के साथ मिलकर एम्बुलेंस में महिला का सुरक्षित प्रसव कराकर वाहवाही लूटी। स्वजनों के मुताबिक जच्चा व बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।
हुआ यह कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बहादुरपुर अन्तर्गत विरउपुर गांव से एक महिला के प्रसव सम्बन्धी पीड़ा होने की सूचना एंबुलेंस कर्मियों को फोन के जरिए मिली। ईएमटी श्रीराम मौर्य मय एंबुलेंस चालक कमलाकांत त्रिपाठी के साथ उक्त गांव में पंहुचे। प्रसव पीड़िता माया देवी के साथ आशा कार्यकर्ता सुनीता और उसके स्वजन भी थे। प्रसव केन्द्र बहादुरपुर जाते समय अचानक माया को तेज दर्द होने लगा। स्थिति की नाजुकता को देखते हुए आशा ने एंबुलेंस रूकवा दिया। ईएमटी को गंभीरता की जानकारी दी। ईएमटी श्रीराम ने बताया कि आशा के बताने के अनुसार यदि हम महिला को प्रसव केन्द्र ले जाते तो उसके साथ ही उसके बच्चे को भी जान का खतरा हो सकता था। इसलिए ट्रेनिग में मिली जानकारी का उपयोग कर आशा व पीड़िता के साथ गाड़ी में मौजूद महिलाओं के सहयोग से प्रसव कराया। आशा सुनीता ने बताया कि पहला बच्चा होने के कारण महिला की स्थित देख कर लग रहा था कि स्थिति नियंत्रण से बाहर होगी। लेकिन प्रशिक्षण में मिली जानकारी काम आई। आशा ने बताया हम लोगों ने प्रयास शुरू किये। प्रसूता की असहनीय पीड़ा को देखकर एकबारगी हम सहम गये थे किन्तु ईएमटी के सहयोग से प्रसव कराने में सफलता मिली। प्रसव उपरांत प्रसूता को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर गए जहां पर चिकित्सकों ने जांच की।