Move to Jagran APP

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने शासनादेश की प्रतियां जलाई

सरकार पर वायदा खिलाफी का आरोप लगाते हुए विभिन्न समस्याओं के निस्तारण की मांग की।

By JagranEdited By: Published: Mon, 06 Dec 2021 11:45 PM (IST)Updated: Mon, 06 Dec 2021 11:45 PM (IST)
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने शासनादेश की प्रतियां जलाई
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने शासनादेश की प्रतियां जलाई

बस्ती: वेतन वृद्धि सहित विभिन्न मांगों को लेकर सोमवार को आंगनबाड़ी कर्मचारी व सहायिका एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने अमहट घाट पर शासनादेश की प्रतियां जलाकर विरोध प्रकट किया।

loksabha election banner

संगठन की मंडल अध्यक्ष भागमनी दुबे व जिलाध्यक्ष सुनीता देवी की अगुवाई में सुबह 10 बजते ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अमहट घाट पर एकत्र होने लगे। सभा कर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने सरकार पर वायदा खिलाफी का आरोप लगाते हुए विभिन्न समस्याओं के निस्तारण की मांग की। कहाकि प्रोत्साहन भत्ता की धनराशि वर्ष 2017 में दिए जाने की घोषणा सरकार ने की थी जो आज तक पूरा नहीं किया गया। क्षुब्ध कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी कर रोष जताया फिर शासनादेश की प्रतियां जलाईं। इस दौरान प्रभावती चौधरी, रेखा देवी, उषा गुप्ता, विजय लक्ष्मी चौधरी, तारा देवी, सुनीता, संगीता देवी, निर्मला चौधरी, लक्ष्मी रावत आदि मौजूद रहीं। छप्पर में लगी आग, सामान जलकर नष्ट

बस्ती: गौर थानाक्षेत्र के कुचुरुपुर गांव में रिहायशी छप्पर में आग लग गई। आग से उसमें रखा सारा सामान जलकर नष्ट हो गया। सात दिसंबर को लड़की की बरात आनी है। शादी के एक दिन हुए हादसे से परिवार के लोग परेशान है।

गांव निवासी राम अनुज यादव की शादी है। सोमवार की शाम रिहायशी छप्पर में गैस चूल्हे पर खाना बन रहा था। खाना बनाने के दौरान अचानक लग गई। आग की चपेट में आने से छप्पर में रखा शादी का तमाम सामान जलकर नष्ट हो गया। प्रभारी निरीक्षक गौर संजय कुमार ने मौके पर पहुंचकर घटना की जानकारी ली। उन्होंने पीड़ित परिवार को मदद का भरोसा दिया। शहीद किसान मेला में शामिल होंगे राकेश टिकैत

बस्ती: 11 दिसंबर को मुंडेरवा में आयोजित होने वाले शहीद किसान मेले में भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश सिंह टिकैत शामिल होंगे।

यह जानकारी भाकियू के प्रदेश सचिव दिवान चंद्र पटेल ने दी। बताया कि किसान हितों की लंबी लड़ाई लड़ने वाले राकेश सिंह टिकैत बतौर मुख्य अतिथि शहीद किसान मेले में शामिल होंगे। बताया कि वर्ष 2002 में मुंडेरवा में जायज मांगों को लेकर भाकियू के नेतृत्व में किसानों द्वारा विरोध प्रदर्शन कर हक मांगा जा रहा था, लेकिन शासन-प्रशासन ने निहत्थे किसानों पर फायरिग करवा कर आंदोलन को दबाने का प्रयास किया। इस गोलीकांड में तीन किसानों को शहादत देनी पड़ी। तभी से मुंडेरवा में 11 दिसंबर को मिल परिसर में प्रत्येक वर्ष शहीद किसान मेले का आयोजन कर दिवंगत किसानों को श्रद्धांजलि दी जाती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.