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Basti News: बस्ती में बर्बाद हो गई पचास प्रतिशत फसल, प्रशासन ने भेजी रिपोर्ट

बस्ती जिले में 50 प्रतिशत तक फसल की क्षति हुई है। पहले फसल की क्षति और वर्षा को लेकर तहसीलों की रिपोर्ट के आधार पर अगस्त महीने में 30 से 40 प्रतिशत का नुकसान होने की रिपोर्ट शासन को भेजी गई थी।

By Sugriv Kumar SinghEdited By: Pradeep SrivastavaPublished: Sun, 18 Sep 2022 09:15 PM (IST)Updated: Sun, 18 Sep 2022 09:15 PM (IST)
Basti News: बस्ती में बर्बाद हो गई पचास प्रतिशत फसल, प्रशासन ने भेजी रिपोर्ट
बस्ती जिले में पचास प्रतिशत फसल सूख गई है। - प्रतीकात्मक तस्वीर

बस्ती, एसके सिंह। बस्ती जिले काे सूखाग्रस्त घोषित करने के लिए प्रशासन ने शासन को रिपोर्ट भेज दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बस्ती सदर,हर्रैया,भानपुर और रुधौली तहसील क्षेत्र में 11235 हेक्टेयर धान की फसलों को 33 से 50 फीसद की क्षति पहुंची है। सर्वाधिक नुकसान बस्ती सदर तहसील क्षेत्र में हुआ है। यहां नौ हजार हेक्टेयर,जबकि भानपुर में 1900 और रुधौली में 230 हेक्टेयर फसल को क्षति पहुंची है। जनपद में इस बार 1.51 लाख हेक्टयर से अधिक क्षेत्रफल में धान की रोपाई की गई है।

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कृषि और राजस्व कर्मियों की टीम से सर्वे कराने के बाद तैयार की गई रिपोर्ट

पहले फसल की क्षति और वर्षा को लेकर तहसीलों की रिपोर्ट के आधार पर अगस्त महीने में 30 से 40 प्रतिशत का नुकसान होने की रिपोर्ट शासन को भेजी गई थी। रिमोट सेंसिंग (दूर संवेदन) प्रणाली से शासन ने इसका परीक्षण कराया गया तो यह डेटा मेल नहीं खा रहा था। नतीजतन फिर से सर्वे कराकर रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया है। इस क्रम में जिलाधिकारी ने कृषि और राजस्व कर्मियों की टीम गठित कर गांव-गांव इसका बृहद सर्वे कराया। तहसीलों में तैयार की गई रिपोर्ट में कोई त्रुटि न रहे,इसके लिए अपर जिलाधिकारी अभय कुमार मिश्र की अध्यक्षता में तहसीलवार गठित टीम से दस प्रतशित रिपोर्ट का स्थलीय सत्यापन कराया। टीम में संबंधित तहसील के उपजिलाधिकारी और तहसीलदार शामिल किए गए थे। इस तरह जिले की 1185 ग्राम पंचायतों के 3150 राजस्व गांवों में सर्वे और जांच के बाद यह ग्राउंड रिपोर्ट तैयार की गई है।

11235 हेक्टेयर धान की फसल को 33 से 50 प्रतिशत का हुआ है नुकसान

खरीफ फसल की शुरूआत से ही वर्षा की कमी बरकरार है। मौसम सही होने की उम्मीद में किसानों ने शुरूआत में पूरे उत्साह के साथ धान की रोपाई की थी। नहर और नलकूपों ने भी उस समय धोखा दे दिया था। मजबूत किसानों ने वैकल्पिक स्रोतों से सिंचाई कर काफी हद तक फसल बचा ली लेकिन अधिकांश किसान आसमान की ओर निहारते रह गए। नहरों में पानी अगस्त के दूसरे सप्ताह में छोड़ा गया,तब तक देर हो चुकी थी। जिले को सूखाग्रस्त घोषित करने की बढ़ती मांग जाेर पकड़ने लगी तो शासन के निर्देश पर बस्ती से जिला प्रशासन ने तहसीलों की रिपोर्ट के आधार पर 30 से 40 प्रतिशत फसलों की क्षति होने की रिपोर्ट भेज दी। रिपोर्ट मेंं खामियां सामने आई तो मुख्यमंत्री के निर्देश पर गत आठ सितंबर को जिले में सूखे की स्थिति का आंकलन करने खुद कृषि आयुक्त और अपर मुख्य सचिव बस्ती पहुंच गए। अधिकारियों के साथ बैठक कर इस बारे में फिडबैक लिया था।

पिछले खरीफ सत्र में धान का उत्पादन अच्छा होने से किसान काफी उत्साहित थे। पिछले सत्र में जहां एक लाख 21 हजार हेक्टेयर में धान की बोआई की गई थी,वहीं इस बार एक लाख 51 हजार सात सौ उन्नीस हेक्टेयर में धान की रोपाई की गई है। - मनीष कुमार सिंह,जिला कृषि अधिकारी।

प्रारंभिक सर्वे के आधार पर जिले में फसलों की क्षति की रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। जिले में कर्म वर्षा के चलते 11235 हेक्टेयर धान की फसल को 33 से 50 प्रतिशत का नुकसान हुआ है। फसल कटने के बाद क्षति के सटीक आंकलन के लिए बृहद सर्वे कराया जाएगा। - अभय कुमार मिश्र, अपर जिलाधिकारी। 


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