भाजपा पार्षद ने ही बरेली के महापौर को पद से हटाने के लिए हाईकोर्ट में डाली रिट
महापौर डॉ. उमेश गौतम को पद से हटाने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई।
बरेली, जेएनएन : महापौर डॉ. उमेश गौतम को पद से हटाने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। भाजपा पार्षद विपुल लाला, पूर्व पार्षद राजेश तिवारी और मुनीष शर्मा ने उन पर सरकारी भूमि पर कब्जा करने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है। साथ ही प्रमुख सचिव और नगर आयुक्त को भी पार्टी बनाया है। मंगलवार को हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई होगी।
रजऊ परसपुर में नगर निगम की करीब 110 बीघा जमीन है। इस पर नगर निगम ने सॉलिड वेस्ट मैनेजमेट प्लांट लगाया था। याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि वहां करीब 5900 वर्ग मीटर यानी करीब 9.3 बीघा भूमि पर इन्वर्टिस यूनिवर्सिटी का कब्जा है। उस भूमि पर यूनिवर्सिटी का प्रशासनिक भवन, कंप्यूटर लैब और आवास बना है। इन्वर्टिस यूनिवर्सिटी के चेयरमैन व वर्तमान महापौर डॉ. उमेश गौतम ने 18 फरवरी, 2006 को नगर आयुक्त को पत्र भेजकर सरकारी भूमि पर कब्जे की बात स्वीकार भी की थी। बदले में उन्होंने भूमि का मूल्य या फिर उनकी पास वाली भूमि लेने की गुजारिश भी की थी। इस भूमि की कीमत कई करोड़ रुपये है। उन्होंने महापौर को नगर निगम अधिनियम की धारा 11, 25 और 83 के तहत आरोपित मानते हुए पद से हटाने या केस चलने तक महापौर पद का काम नहीं करने की मांग की है। आरोप यह भी है कि शहर में दुकानों के आगे बने डेढ़ से दो फुट के चबूतरे तोड़े जा रहे हैं, लेकिन महापौर अपने अवैध कब्जे व निर्माण को नहीं हटवा रहे।
अफसरों की जांच रिपोर्ट भी पेश की
याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट को बताया है कि वर्ष 2005 सॉलिड वेस्ट मैनेजमेट प्लांट लगाने का काम जल निगम को दिया गया था। वर्ष 2006 में जल निगम ने भूमि पर इन्वर्टिस यूनिवर्सिटी व अग्रसेन कॉलेज का कब्जा होने की शिकायत की। इस पर भूमि की पैमाइश हुई तो अग्रसेन कॉलेज ने भूमि छोड़ दी, लेकिन इन्वर्टिस यूनिवर्सिटी हाईकोर्ट चले गए। हाईकोर्ट के आदेश पर डीएम ने एसडीएम फरीदपुर व एसडीएम बरेली से जांच करवाई। उन्होंने मौके पर कब्जा पाया। जांच रिपोर्ट के बाद हाईकोर्ट ने रिट खारिज कर दी।
क्या है धारा 11, 25 व 83
नगर निगम अधिनियम की धारा 11, 25 व 83 के तहत वह महापौर के पद पर नहीं अर्ह होगा, जो खुद या उसके लिए न्यासी के रूप में व उसके लाभ के लिए या उसके लेखे में किसी व्यक्ति को माल संभारित करने के लिए या किसी निर्माण कार्य के निष्पादन के लिए किन्ही सेवाओं को, जिनका भार निगम ने अपने ऊपर लिया हो, संपन्न करने के लिए किए गए किसी संविदा में कोई हिस्सा या हित रखता हो। प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से निगम की किसी संपत्ति को कोई हानि या क्षति पहुंचाई हो या किसी अन्य व्यक्ति को ऐसी हानि के लिए दुष्प्रेरित करता हो। अपने कर्तव्य के पालन में घोर दुराचार का दोषी रहा हो।
सरकारी संपत्ति पर कब्जे के खिलाफ पूर्व महापौर ने भी लिखा था पत्र
सरकारी संपत्ति पर कब्जे के खिलाफ मैंने पहले भी लिखा था। उनका खुद का वक्तव्य है कि जमीन पर उनका कब्जा है। ऐसे में अधिकारी कार्रवाई नहीं कर रहे, यह गलत है। राजनीति में आने से पहले खुद को नजीर बनाना पड़ता है। - डॉ. आइएस तोमर, पूर्व महापौर
महापौर बोले- कोर्ट में दिया जाएगा जवाब
अगर सम्मानीय कोर्ट में कोई बात रखी गई है तो जवाब भी वहीं दिया जाएगा। बाकी जिन्होंने कभी शहर का विकास नहीं किया, जिनसे विकास हजम नहीं हो रहा है, उनका दिमागी संतुलन बिगड़ गया है, इसलिए अनर्गल आरोप लगा रहे हैं। जिनके पास कोई काम नहीं है, जिन्हें कोई पूछ नहीं रहा, वह अपना चेहरा चमकाने का प्रयास कर रहे हैं। - डॉ. उमेश गौतम, महापौर
वाद की कॉपी मिली, तैयार कराई जा रही आख्या
देश के संविधान में हर नागरिक को वाद योजित करने की स्वतंत्रता है। वाद की कॉपी मिल गई है। उसकी आख्या तैयार कराई जा रही है। उचित जवाब दिया जाएगा। - आरके श्रीवास्तव, नगर आयुक्त