Move to Jagran APP

Pilot Project : बरेली में महिलाएं हर दहलीज तक पहुंचाएंगी सुरक्षा का 'हथियार'

यूं तो स्वयं सहायता समूह की महिलाएं आजीविका के लिए छोटे-मोटे काम करती हैं पर यहां वह आजीविका के साथ महिलाओं में स्वच्छता का हथियार बांटेंगी।

By Edited By: Published: Thu, 02 Jul 2020 02:10 AM (IST)Updated: Thu, 02 Jul 2020 05:54 PM (IST)
Pilot Project : बरेली में महिलाएं हर दहलीज तक पहुंचाएंगी सुरक्षा का 'हथियार'
Pilot Project : बरेली में महिलाएं हर दहलीज तक पहुंचाएंगी सुरक्षा का 'हथियार'

बरेली, [शांत शुक्ला] । यूं तो स्वयं सहायता समूह की महिलाएं आजीविका के लिए छोटे-मोटे काम करती हैं, पर यहां वह आजीविका के साथ महिलाओं में स्वच्छता का हथियार बांटेंगी। जल्द ही वे घर-घर सैनिटरी नैपकिन उपलब्ध कराती नजर आएंगी। इसी आधार पर वह ग्रामीण क्षेत्र में अपना मार्केटिंग नेटवर्क विकसित करेंगी। यह पायलट प्रोजेक्ट अभी भोजीपुरा व बिथरी चैनपुर ब्लॉकों में लागू किया गया है। आने वाले समय में इसका विस्तार करके दूसरे ब्लॉकों में भी लागू किया जाएगा।

loksabha election banner

मार्केटिंग करना कठिन 

प्रशासन समूह की महिलाओं को सेनेटरी नैपकिन उपलब्ध कराएगा, जिनकी वह घर घर जाकर बिक्री करेंगी। इससे जहां एक एक तरफ वह जन संपर्क स्थापित करेंगी, वहीं दूसरी तरफ मार्के¨टग में आ रही समस्याओं से भी रूबरू होंगी। इसके बाद इन महिलाओं की ट्रे¨नग होगी, जिसमें मार्के¨टग एक्सपर्ट को बुलाया जाएगा। वह इनको मार्केटिंग के गुर सिखाएंगे। अधिकारियों का कहना है कि उत्पाद का निर्माण करना सरल है, लेकिन मार्के¨टग करना काफी कठिन है।

नेटवर्क बनेगा तो तैयार कराएंगे उत्पाद

यही वजह है कि हम सबसे पहले मार्के¨टग के लिए महिलाओं को तैयार करना चाहते हैं। इसके बाद फिर हम उत्पाद की मैन्युफैक्च¨रग भी करवाएंगे। एक बार अगर नेटवर्क बन जाएगा तो उत्पाद की बिक्री करने में समस्या नहीं होगी। ग्रामीण क्षेत्र की बहुत सी महिलाएं अभी भी बाजार से सेनेटरी नैपकिन लेने में हिचकती हैं। ऐसे में जहां उनकी दहलीज पर उनको नैपकिन मिल जाएगी, वहीं इसके जरिये समूह की महिलाओं का एक नेटवर्क भी बन जाएगा। इससे वह दूसरे उत्पादों की भी घर-घर जाकर बिक्री कर सकेंगी।

ब्राडिंंग के साथ पैकेजिंग भी करेंगी महिलाए   

अधिकारियों का कहना है कि आने वाले समय में बच्चों में इस्तेमाल होने वाली नैपकिन का भी उत्पादन किया जाएगा। साथ ही उसकी ब्रां¨डग और पैके¨जग भी स्वयं सहायता समूह की महिलाएं ही करेंगी। वर्जन इस प्रोजेक्ट को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर भोजीपुरा के दो गांव में और बिथरी चैनपुर के पांच गांव में लागू किया गया है। आने वाले समय में इसका विस्तार करके हम जिले के सभी ब्लाकों में इसे लागू करने का प्रयास करेंगे। अतुल कुमार ¨सह, जिला मिशन प्रबंधक, आजीविका मिशन


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.