स्कूली वाहन बनेगा महिलाओं का ई-रिक्शा
जागरण संवाददाता, बरेली : ई-रिक्शा चलाने वाली महिलाओं को अब सवारियों की चिंता नहीं रहेगी। उनके ई-रिक्
जागरण संवाददाता, बरेली : ई-रिक्शा चलाने वाली महिलाओं को अब सवारियों की चिंता नहीं रहेगी। उनके ई-रिक्शा बच्चों व शिक्षिकाओं को स्कूल लाने-ले जाने में लगाए जाएंगे। सीडीओ ने यह पहल करते हुए शहर के 22 स्कूलों से सहमति ले ली है।
ड्राइवर दीदी को देख अभिभावक सुरक्षा के लिहाज से अपने बच्चों को इनके ई-रिक्शा में बैठाने के लिए सहर्ष तैयार हो जाएंगे। स्कूल आने-जाने के लिए किराए के वाहन में साझेदारी करने वाली शिक्षिकाएं भी इनके ई-रिक्शा में बैठना पंसद करेंगी। सीडीओ के अतिरिक्त शहर के शेष स्कूलों से भी अफसर इसके लिए संपर्क साध रहे हैं। तीन तलाक पीड़िताओं सहित कमजोर वर्ग की महिलाओं को सस्ते ब्याज दर पर ई-रिक्शा दिलाकर स्वरोजगार से जोड़ने का प्रयास सीडीओ ने किया है। इसी कड़ी में जब आवेदन मांगे गए तो 62 ऐसी महिलाएं आगे आर्इं।
स्कूली वाहन के रूप में कराए जाएंगे तैयार
स्कूली वाहन के रूप में ई-रिक्शा संचालित होने पर इन्हें बच्चों की सुरक्षा के अनुसार तैयार कराया जाएगा। जाली लगवाकर कवर्ड कराया जाएगा। इसके बाद जिला प्रशासन संबंधित कपंनी से खरीदारी पर मुहर लगाएगा। आज से शुरू होगा ड्राइविंग का प्रशिक्षण
बुधवार से 20-20 महिलाओं के बैच बनाकर संभागीय परिवहन विभाग ट्रांसपोर्ट नगर में ड्राइविंग का प्रशिक्षण दिलाना शुरू करेगा। इसके बाद इनका ड्राइविंग लाइसेंस व नगर निगम में ई-रिक्शा का पंजीकरण कराया जाएगा। वर्जन-----
महिला चालक होने के कारण बच्चे व शिक्षिकाएं सुरक्षित स्कूल आ-जा सकेंगे। शहर के 22 स्कूलों ने महिला चालकों के ई-रिक्शा को अपने यहां संचालन की सहमति दी है।
-सत्येंद्र कुमार, सीडीओ।