कैंपस रोज आते फिर पढ़ाने से क्यों कतराते गुरूजी Bareilly News
पहली बार विभागाध्यक्षों को नोटिस थमाए जाने से शिक्षकों में बेचैनी पैदा हो गई है। विशेष रूप से उन शिक्षकों में जो कैंपस में तो आते हैं मगर कक्षाओं में पढ़ाने के बजाय बैठकी लगाकर टाइम पास करते हैं।
बरेली, जेएनएन : छात्रों के धरना-प्रदर्शन तो छात्र नेताओं की दबंगई। कर्मचारियों की तालाबंदी, कभी शिक्षकों की हड़ताल। लंबे समय से बरेली कॉलेज इन्हीं समस्याओं में उलझा है। विद्यार्थियों से लेकर कई शिक्षकों का पढ़ाई-लिखाई से नाता टूटने सा लगा है। नए शैक्षिक सत्र में प्रबंधन ने विभागाध्यक्षों की बैठक बुलाई। स्पष्ट किया कि कॉलेज में पढ़ाई का माहौल बनाएं। हर विभागाध्यक्ष-शिक्षक तय समय विभाग और कक्षाओं में उपस्थित रहें। इसका असर नजर आने लगा है।
विभागों में पांच घंटे न बिताने वाले पांच विभागाध्यक्षों को प्राचार्य डॉ. अजय शर्मा ने नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है। पहली बार विभागाध्यक्षों को नोटिस थमाए जाने से शिक्षकों में बेचैनी पैदा हो गई है। विशेष रूप से उन शिक्षकों में जो कैंपस में तो आते हैं मगर कक्षाओं में पढ़ाने के बजाय बैठकी लगाकर टाइम पास करते हैं।
नाम जाहिर न करने पर एक एसोसिएट प्रोफेसर बताते हैं कि कॉलेज प्रशासन सभी शिक्षकों की उपस्थिति पर नजर रखे हुए है। विद्यार्थियों से भी इसका फीडबैक लिया जा जाएगा। कौन शिक्षक कक्षाओं में नियमित आते हैं, कौन नहीं। इसकी रिपोर्ट तैयार कर अन्य अनुपस्थिति शिक्षकों को भी नोटिस दिया जाएगा। भविष्य में वेतन कटौती की भी कार्रवाई हो सकती है। शुरुआत विभागाध्यक्षों से हुई है। क्योंकि जब विभागाध्यक्ष पूरा समय देंगे तो शिक्षकों के रवैये में भी बदलाव आएगा।
अंदरखाने पनप रहा विरोध
प्राचार्य के नोटिस जारी करने के बाद कुछ शिक्षकों ने लामबंदी शुरू कर दी है। अंदरखाने नोटिस का विरोध भी हो रहा है। हालांकि, कॉलेज प्रशासन की कार्रवाई प्रबंधन के निर्देश पर है। इसलिए शिक्षक खुलकर विरोध नहीं जता पा रहे हैं।
सभी शिक्षक-कर्मचारी समय पर कॉलेज आएं और पढ़ाई व अपने काम पर फोकस करें। प्रबंधन-प्रशासन कैंपस में पढ़ाई का बेहतर माहौल बनाने को लेकर प्रतिबद्ध है। -डॉ. अजय शर्मा, प्राचार्य, बरेली कॉलेज