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Solid Waste Management Plant : पूर्व महापौर की याचिका खारिज होने पर वर्तमान महापौर बोले- सच्चाई की जीत Bareilly News

रजऊ परसपुर स्थित सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट शुरू कराने को पूर्व महापौर डॉ. आइएस तोमर की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Sat, 18 Jan 2020 09:34 AM (IST)Updated: Sat, 18 Jan 2020 05:56 PM (IST)
Solid Waste Management Plant : पूर्व महापौर की याचिका खारिज होने पर वर्तमान महापौर बोले- सच्चाई की जीत Bareilly News
Solid Waste Management Plant : पूर्व महापौर की याचिका खारिज होने पर वर्तमान महापौर बोले- सच्चाई की जीत Bareilly News

जेएनएन, बरेली : रजऊ परसपुर स्थित सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट शुरू कराने को पूर्व महापौर डॉ. आइएस तोमर की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है। उन्होंने मई 2018 में प्लांट को दोबारा चलाने और मामले में प्राथमिकता के आधार पर सुनवाई कर फैसला देने की मांग की थी। उन्होंने पूर्व नगर आयुक्त पर बिना बोर्ड की मंजूरी के झूठा शपथपत्र देकर मुकदमा बंद कराने का आरोप लगाया था।

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सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट की शुरुआत वर्ष 2012 में हुई थी। प्लांट विवादों में फंस गया। 2013 में नेशनल ग्रीन टिब्यूनल ने प्लांट को बंद करने का आदेश दे दिया जिसके खिलाफ नगर निगम सुप्रीम कोर्ट चला गया।

स्टे मिलने के बाद भी कुछ समय तक प्लांट चला, लेकिन फिर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की आपत्तियां लग गई और प्लांट फिर बंद हो गया। नगर निगम की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर मुकदमे को 18 जनवरी को तत्कालीन नगर आयुक्त राजेश श्रीवास्तव ने वापस ले लिया था।

पूर्व महापौर डा. तोमर ने नगर आयुक्त पर सुप्रीम कोर्ट में झूठा शपथ पत्र देकर मुकदमा वापस लेने का आरोप लगाया। कहा, शपथपत्र में लिखा कि नगर निगम बोर्ड ने प्लांट को बंद करने का फैसला लिया, जबकि मार्च 2018 को बोर्ड से प्रस्ताव पास कराया गया। पूर्व महापौर ने मई 2018 में मामले को दोबारा खोलकर मेरिट के आधार पर निर्णय लेने की मांग सुप्रीम कोर्ट से की थी।

पूर्व नगर आयुक्त द्वारा केस वापस लेने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 23 मार्च 2018 को आदेश कर दिया था। पूर्व महापौर की याचिका पर सुनवाई 14 जनवरी को हुई। सुनवाई के बाद कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया। अदालत ने मामले को दोबारा सुनवाई के लिए खोले जाने का कोई आधार नहीं पाते हुए खारिज किया है।

यह यूनिवर्सिटी के विद्यार्थी, उनके अभिभावकों व गांव वालों की जीत है। उनको प्रताड़ित किया जा रहा था। व्यक्तिगत कारणों से उन्हें बर्बाद करने वालों के सपने धरे रह गए। यह सच्चाई की जीत है। -डॉ. उमेश गौतम, महापौर

याचिका खारिज होने की जानकारी नहीं है। इस बारे में अपने वकील से बात करूंगा। हो सकता है कि वह सही बात कोर्ट को नहीं बता पाए हों। मामले में दोबारा याचिका दाखिल की जाएगी। -डॉ. आइएस तोमर, पूर्व महापौर


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