किसानों पर बारिश का वज्रपात
जागरण संवाददाता, बरेली : रविवार को ओलावृष्टि और सोमवार को तेज हवा के साथ हुई बारिश ने किसानों पर वज्रपात कर दिया। जिले में 20 किलोमीटर प्रति घंटा की तेज रफ्तार से चली हवा के साथ हुई करीब 15 से 20 मिलीमीटर बारिश से हजारों हेक्टेयर गेहूं की फसल को करीब 20 फीसद का नुकसान हुआ है।
जागरण संवाददाता, बरेली : रविवार को ओलावृष्टि और सोमवार को तेज हवा के साथ हुई बारिश ने किसानों पर वज्रपात कर दिया। जिले में 20 किलोमीटर प्रति घंटा की तेज रफ्तार से चली हवा के साथ हुई करीब 15 से 20 मिलीमीटर बारिश से हजारों हेक्टेयर गेहूं की फसल को करीब 20 फीसद का नुकसान हुआ है।
बरेली मंडल का गेहूं उत्पादन में अहम योगदान रहता है। क्षेत्र के किसान गेहूं और गन्ना को मूल फसल के रूप में उत्पादन करते हैं। गन्ना में बर्बाद होने के बाद किसानों को उम्मीद थी कि गेहूं में उनके नुकसान की भरपाई हो जाएगी, लेकिन सोमवार को सदर तहसील क्षेत्र के साथ ही नवाबगंज, भुता, बहेड़ी, मीरगंज क्षेत्रों में बारिश ने खूब कहर ढाया। खेतों में खड़ी गेहूं की फसल गिरने से किसानों को जमकर नुकसान हुआ है। इससे गेहूं की कटाई का वक्त बढ़ने के साथ ही उत्पादन में हजारों कुंतल की कमी आएगी। वहीं, आंवला में बारिश कम होने से किसानों का नुकसान कम हुआ है।
------------------ संस, बहेड़ी : सोमवार को तेज आंधी के साथ हुई बारिश से रबी की फसल को खासा नुकसान हुआ। खेतों में पानी भरने से गेहूं व सरसों की फसल को भारी नुकसान पहुंचा। चना, अरहर, मसूर की फसल बर्बादी के कगार पर पहुंच गई। तेज हवा से आम की बौर को भी नुकसान पहुंचा। किसानों की बातचीत
तेज हवा और बरसात से सैकड़ों बीघा गेहूं खेत में गिर गया, इससे किसानों को भारी नुकसान पहुंचा है।
- पुरुषोत्तम, पचपेड़ा - बारिश से गन्ना की फसल को तो फायदा हुआ, पर गेहूं की फसल बर्बाद हो गई। - महेश शर्मा
--------------------- आंवला : क्षेत्र में लगभग पांच मिनट मामूली बारिश हुई। फिलहाल इससे फसलों को कोई खासा नुकसान नहीं हुआ। हांलाकि इससे गेहूं की कटाई का काम प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है।
-------------- भुता : शाहबाजपुर, पडोली, मनकापुर, अहिरौला, रसूलपुर बहानपुर, शेखापुर, फैजनगर, राजपुरी नवादा, दौलतपुर करेना, सहित क्षेत्र के तमाम गांवों में सोमवार को बेमौसम तेज हवा के साथ हुई बारिश से गेहूं की फसल गिर गई। वहीं खेतों में कटी पड़ी फसल को भीगने से भारी नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है। - आठ बीघा खेत में गेहूं बोए थे, ढाई बीघा गेहूं की फसल कटी हुई खेत में पड़ी है। पानी भरने से वह चौपट हो गई। साथ ही क्षेत्र में किसानों को भारी नुकसान हुआ है।
- किसान बृजलाल, दौलतपुर करीना
-------------- मीरगंज : मीरगंज सहित शीशगढ़, दुनका, फतेहगंज पश्चिमी आदि में आंधी के बाद हुई तेज बारिश से गेहूं की फसल को सबसे अधिक नुकसान पहुंचा। खेतों में पानी भरने से जहां खेत में खड़े गेहूं को क्षति पहुंची। वहीं खेतों में कटी पड़ी फसल खेत में पानी भरने से बर्बाद हो गई। वहीं बारिश होने से कस्बे की विद्युत सप्लाई भी ठप हो गई।
-------------- बारिश से उड़ी किसानों के चेहरे की खुशी
संस, नवाबगंज : सोमवार दोपहर अचानक आसमान में काले बादल छा गए। कुछ ही देर बाद तेज आधी के साथ शुरू हुई मूसलाधार बारिश से खेतों में पकी खड़ी गेहूं की फसल जमीन पर आ गई। बारिश रुकते ही किसानों ने खेत में गिरी फसल की एक-एक बाली को बीन कर उसे संभालना शुरू कर दिया है। वहीं खेतों में कटी पड़ी गेहूं की फसल आंधी में उड़ भी गई। बारिश के बाद किसानों को गेहूं की फसल घर तक लाने में एक सप्ताह का समय और लग जाएगा। जिन किसानों ने गन्ने की फसल के लिए तैयार कर लिए थे, उसे बोने के लिए खेत सूखने का इंतजार करना पड़ेगा।
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इनसेट
एसडीएम ने गेहूं फसल नुकसान का लिया जायजा
एसडीएम अरूण मणि तिवारी, नायब तहसीलदार प्रभात कुमार के साथ फैजुल्लापुर, फाजिलपुर, पिपरा निगाही, अटंगा योगी, रिछोला ताराचन्द्र,रिछोला किफायतुल्ला, मसीत वाली नगर समेत दर्जनभर गांवों का दौरा किया। खेतों में जाकर गेहूं फसल के नुकसान का जायजा लिया। एसडीएम ने हल्का लेखपालों को गेहूं फसल नुकसान की जांच कर तत्काल रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। एसडीएम ने बताया कि गेहूं की जो फसल कटी पड़ी है। उसमें नुकसान हुआ है लेकिन खेतों में पकी खड़ी फसल काटने में विलंब हो गया है। इनसेट
अगले कुछ दिनों तक बूंदाबांदी की आशंका
पंतनगर स्थित कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, मंगलवार एवं बुधवार को बादल छाने के साथ बूंदाबांदी होने की आशंका बनी हुई है। बारिश के साथ ही करीब 20 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चली हवाओं ने मौसम ठंडा कर दिया। सोमवार को अधिकतम तापमान आठ डिग्री घटकर 29.1 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 19.9 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। इनसेट
बारिश के साथ तेज हवा से ज्यादा नुकसान
कृषि एवं मौसम वैज्ञानिक डॉ. एचएस कुशवाहा के मुताबिक बारिश के साथ तेज हवा चलने से गेहूं को ज्यादा नुकसान हुआ है। गीली मिट्टी पर तैयार फसल गिरने पर उसकी बाली से गेहूं निकल जाते हैं, जिससे नुकसान बढ़ जाता है। फसल गिरने से होते ये नुकसान
फसल गिरने पर दाने की गुणवत्ता प्रभावित होती है।
गेहूं की भंडारण करने की क्षमता भी कम हो जाती है।
गिरी फसल का गेहूं खाने में भी स्वाद बदल जाता है।
गेहूं में नमी होने के साथ उसमें जीवाणु उत्पन्न हो जाते है। यह गेहूं अगले वर्ष तक बुवाई के लायक नहीं बचता। मिट्टी मिलने की वजह से भूसे के उत्पादन में कमी आ जाती है। इनसेट
गेहूं की कटाई में अभी लगेगा वक्त
बूंदाबांदी के हालत बने हुए हैं, ऐसे में किसान एक सप्ताह तक गेहूं की कटाई तो बिल्कुल न करें, जिन खेतों में फसल कटी पड़ी है, उसके एक स्थान पर एकत्र करके ढककर रख दें, जिससे वह भीगने से बच सके। वहीं, जिनका भूसा एवं गेहूं अलग हो गया हो, उसे तुरंत सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दें। इनसेट
बारिश से पारा लुढ़का, गर्मी से राहत
मार्च के अंतिम सप्ताह और अप्रैल के पहले सप्ताह में गर्मी की मार झेल रहे लोगों को बारिश और हवा ने काफी राहत दी। इससे पारा में करीब आठ डिग्री की कमी आई।