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बनबसा डैम से 2.15 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा, शारदा उफनाई, तेज बारिश भी शुरू

पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश और बनबसा बैराज से 2.15 लाख क्यूसेक पानी छोड़ने से शारदा नदी एक बार फिर उफना गई है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 12 Jul 2018 12:51 PM (IST)Updated: Thu, 12 Jul 2018 12:51 PM (IST)
बनबसा डैम से 2.15 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा, शारदा उफनाई, तेज बारिश भी शुरू
बनबसा डैम से 2.15 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा, शारदा उफनाई, तेज बारिश भी शुरू

जेएनएन, बरेली। पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश और बनबसा बैराज से 2.15 लाख क्यूसेक पानी छोड़ने से शारदा नदी का एक बार फिर उफना गई है। इस कारण पीलीभीत के ट्रांस शारदा क्षेत्र और शाहजहांपुर के कुछ इलाकों में बाढ़ आ गई है। पीलीभीत जिले के हजारा क्षेत्र में राणाप्रतापनगर गांव के बाहर रपटा पुल पर पानी चलने से लोगों को नाव का सहारा लेकर आवागमन करना पड़ रहा है। बुधवार रात में पानी का स्तर बढ़ने और गुरुवार को तेज बारिश होने से लोगों की मुसीबतें बढ़ गई है।

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जुलाई महीने के 11 दिन तराई क्षेत्र में सूखे ही बीते। आसमान पर बादल उमड़े, लेकिन बारिश नहीं हुई। उधर, पहाड़ों पर अच्छी बारिश होती रही। इससे शारदा नदी एक बार फिर उफना गई। वहीं, बनबसा डैम से 2.15 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद शारदा नदी का पानी कटान पीड़ित गांव राणाप्रतापनगर के चारों तरफ भर गया है। गांव के बाहर सुतिया नाला पर बने रपटा पुल पर लगभग ढाई से 3 फीट तक पानी बह रहा है। नहरोसा गांव को जाने वाले रास्ते पर भी पानी का तेज बहाव है। इससे ग्रामीण जान हथेली पर रखकर नाव पर आवागमन करने को मजबूर हैं। वहीं, गुरुवार सुबह आसमान में उमड़े काले बादलों ने उनके माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी। पूर्वाह्न करीब 11 बजे हल्की बूंदाबादी शुरू हुई, लेकिन फिर तेज बारिश होने लगी। इससे तापमान में गिरावट आने के साथ लोगों को उमस भरी गर्मी से राहत मिली। बारिश को धान और गन्ना जैसी फसलों के लिए वरदान माना जा रहा है, लेकिन बाढ़ पीड़ित क्षेत्रों के लोगों की मुसीबतें बढ़ गई है। -बचाव कार्य हुआ प्रभावित : शारदा नदी का जलस्तर बढ़ने से कटान रोकने का चल रहे बचाव कार्य प्रभावित हो गए हैं। बचाव कार्य बंद होने से खतरा और बढ़ गया है। हालांकि, बाढ़ खंड के अभियंता बचाव कार्य फिर से शुरू कराने की जुगत में लगे हुए हैं।

-फसलों में भरा पानी, मवेशियों के चारे का संकट : शारदा का जलस्तर बढ़ने से निचले इलाकों में खड़ी फसलों में जलभराव होने से फसलें नष्ट हो रही हैं। धान, मक्का, सब्जी व गन्ना की फसलें सड़ने के कगार पर पहुंच गई हैं। खेतों में जलभराव के चलते पशुओं के लिए चारा की व्यवस्था भी नहीं हो पा रही है। बाढ़ से गांव के दर्जनों लोगों के घरों में पानी घुस गया है। साथ ही पानी से तमाम लोग मौसमी बीमारी की चपेट में आने लगे हैं। मगर स्वास्थ्य विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। -प्रशासन ने लाल झंडा लगाकर जारी की चेतावनी : तहसील प्रशासन ने शारदा नदी के किनारे गांव राणाप्रतापनगर में रस्सी से बेरिके¨टग करते हुए लाल झंडा लगाकर ग्रामीणों को चेतावनी दी है कि शारदा नदी के किनारे निर्धारित एरिया में ना जाएं क्योंकि यहां मिट्टी दलदली हो गई है। इससे कोई दुर्घटना हो सकती है। कानूनगो रामचंद्र, लेखपाल के साथ पहुंचकर शारदा नदी के किनारे बेरीके¨टग के साथ लाल झंडा लगाकर चेतावनी जारी कर दी है।


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