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उत्तराखंड की एक हरकत ने पीलीभीत के लोगों की बढ़ाई दिक्कत, शारदा नदी किनारे बसे लोगों का आना-जाना हुआ बाधित

Pilibhit Flood Alert उत्तराखंड के पहाड़ों पर हो रही भारी बारिश ने पीलीभीत के लोगों के लिए परेशानी खड़ी कर दी है।पहाड़ों पर बारिश के कारण बनबसा बैराज से 1.73 लाख क्यूसेक अतिरिक्त पानी शारदा नदी में छोड़ा गया। इसके चलते शारदा नदी का जलस्तर बढ़ गया है।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Sat, 19 Jun 2021 11:18 AM (IST)Updated: Sat, 19 Jun 2021 11:18 AM (IST)
उत्तराखंड की एक हरकत ने पीलीभीत के लोगों की बढ़ाई दिक्कत, शारदा नदी किनारे बसे लोगों का आना-जाना हुआ बाधित
बनबसा बैराज से पानी छोड़े जाने के कारण पीलीभीत में शारदा नदी का जलस्तर बढ़ा।

बरेली, जेएनएन।Pilibhit Flood Alert : उत्तराखंड के पहाड़ों पर हो रही भारी बारिश ने पीलीभीत के लोगों के लिए परेशानी खड़ी कर दी है।पहाड़ों पर बारिश के कारण बनबसा बैराज से 1.73 लाख क्यूसेक अतिरिक्त पानी शारदा नदी में छोड़ा गया। इसके चलते शारदा नदी का जलस्तर बढ़ गया है।शारदा नदी के उफनाने से ट्रांस क्षेत्र में रहने वाली आबादी के लिए मुश्किलें बढ़ने लगी हैं। सबसे ज्यादा समस्या आवागमन को लेकर आ रही है। लोगों का आना-जाना बाधित हो गया है।

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पहाड़ों पर हो रही भारी बारिश के कारण बैराज से अतिरिक्त पानी शारदा नदी में छोड़े जाने का सिलसिला शुरू हो गया है। शारदा का जलस्तर शुक्रवार से बढ़ना शुरू हो गया था। इसके बाद रात के समय जलस्तर तेजी के साथ बढ़ा। इससे नदी में उफान आ गया है। इसके चलते निचले स्थानों और रास्तों पर पानी चलने लगा है। इससे ट्रांस क्षेत्र के गांवों में रहने वाली आबादी के लिए आवागमन की मुश्किलें बढ़ रही हैं। बाढ़ खंड की ओर से राहुलनगर सहित अन्य जगह किए जा रहे बचाव कार्य बंद हो गए हैं। अधिक पानी की वजह से लोगों को निचले रास्तों पर आवागमन करने में दिक्कत हो रही है।

बाढ़ खंड के अधिशासी अभियंता शैलेश कुमार ने बताया कि नदी में 1.73 लाख क्यूसेक अतिरिक्त पानी वनबसा बैराज से डिस्चार्ज हो रहा है। इससे नदी उफान पर आ गई है। बचाव कार्य बंद हो गए हैं। जलस्तर घटने के बाद बचाव कार्य शुरू कराए जाएंगे। उधर, नदी के बढ़ते जलस्तर से क्षेत्रीय किसानों को बाढ़ व कटान की आशंका सताने लगी है। ट्रांस क्षेत्र में शारदा नदी हर साल कटान करती है। इससे किसानों के खेत फसल सहित नदी में समा जाते हैं। बाढ़ खंड के अधिशासी अभियंता का कहना है कि बाढ़ और कटान से प्रभावित होने वाले इलाकों पर निगरानी रखी जा रही है।


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