बदायूं में गंगा का बढ़ने लगा जलस्तर, मंडराने लगा बाढ़ का खतरा
पिछले सप्ताह करीब तीन दिन तक गंगा के जलस्तर में उतार-चढ़ाव चल रहा है। सहसवान क्षेत्र में कहीं भी बाढ के हालात तो नहीं बने लेकिन ग्रामीणों के माथे पर चिंता की लकीरें दिखाई दे रही हैहैे।
बदायूं, जेएनएन। पिछले सप्ताह करीब तीन दिन तक गंगा के जलस्तर में उतार-चढ़ाव चल रहा है। सहसवान क्षेत्र में कहीं भी बाढ के हालात तो नहीं बने लेकिन ग्रामीणों के माथे पर ङ्क्षचता की लकीरें जरूर दिखाई दीं। जलस्तर कम हुआ तो ग्रामीणों ने राहत की सांस ली लेकिन गुरुवार से गंगा का जलस्तर फिर बढना शुरू हो गया। इससे फिर बाढ़ का खतरा बढऩे लगा है।
नरौरा बैराज से गंगा में पानी छोडऩे का सिलसिला बना जारी है। कछला में मीटर गेज भी ऊपर चढ़ता जा रहा है। बाढ खंड अगले एक-दो दिन में जलस्तर और बढने की संभावना जता रहा है। जलस्तर बढने के बावजूद अभी बाढ और कटान के हालात नहीं हैं। प्रशासन और बाढ खंड भी बाढ से बचाव के लिए तैयारियां पूरी किए जाने का दावा कर रहा है।
शुक्रवार को नरौरा बैराज से गंगा में 50 हजार 758 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। बिजनौर से 63.715 और हरिद्वार से एक लाख 32 हजार 136 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। कछला में मीटर गेज जो गुरुवार को 162.30 मीटर था वह शुक्रवार को 162.90 मीटर पर पहुंच गया। हालांकि इससे गंगा के जलस्तर में कोई खास वृद्धि नहीं हुई है और वह अभी अपने दायरे से बाहर नहीं निकल सकी है।
बाढ खंड के मुताबिक अभी एक दो दिन में जलस्तर और बढने की संभावना है। प्रशासन का कहना है कि फिलहाल बाढ के हालात नहीं है लेकिन बाढ से बचाव के लिए तैयारियां मुकम्मल कर ली गई हैं और लोगों को कोई दिक्कत नहीं होने दी जाएगी। इधर, ग्रामीणों को बाढ की आशंका डरा रही है और वह अपने पशुओं के चारे का इंतजाम करने के साथ ही सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने की तैयारी कर रहे हैं।
बता दें कि हर साल गंगा और रामगंगा में आने वाली बाढ से जिले के दर्जनों गांवों के ग्रामीण प्रभावित होते हैं। एडीएम वित्त एवं राजस्व नरेंद्र बहादुर सिंह का कहना है कि अभी बाढ़ की स्थिति सामान्य है, चिंता की कोई बात नहीं है।