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पीलीभीत टाइगर रिजर्व में वॉटर बॉडी का होगा सर्वे

अब पीलीभीत टाइगर रिजर्व के जंगल के अंदर वॉटर बॉडी का सर्वे कराया जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Jun 2018 04:39 PM (IST)Updated: Mon, 18 Jun 2018 04:39 PM (IST)
पीलीभीत टाइगर रिजर्व में वॉटर बॉडी का होगा सर्वे
पीलीभीत टाइगर रिजर्व में वॉटर बॉडी का होगा सर्वे

जागरण संवाददाता, पीलीभीत : अब पीलीभीत टाइगर रिजर्व के जंगल के अंदर वॉटर बॉडी का सर्वे कराया जाएगा, जिससे पानी की वास्तविक स्थिति का पता चल सकेगा। नहरें बंद होने की दशा में जंगल के अंदर वन्यजीवों के सामने पानी का संकट पैदा हो जाता है। इसी वजह से बाघ समेत अन्य वन्यजीव आबादी का रुख कर लेते हैं। वॉटर बॉडी के सर्वे से वन्यजीवों को सहज ढंग से पानी की उपलब्धता हो सकेगी। इससे कुछ हद तक जंगली जानवर बाहर नहीं आ पाएंगे।

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टाइगर रिजर्व का जंगल पांच रेंज माला, महोफ, हरीपुर, बराही, दियोरिया कलां में फैला हुआ है। बफर जोन का जंगल खुटार रेंज की दो बीटों में है। इस तरह टाइगर रिजर्व का कुल क्षेत्रफल 73000 हेक्टेयर है। जंगल में लुप्तप्राय बाघ, हिरन, तेंदुआ, सांप, बंगाल फ्लोरिकन, हिस्पिडहियर, मोर आदि वन्यजीव पाए जाते हैं, जो स्वच्छंद रूप से विचरण करते हैं। जंगल के अंदर नहरों का जाल बिछा हुआ है, जिससे पानी की कोई कमी नहीं है। जंगली जानवरों के लिए आसानी से पानी की उपलब्धता है। जंगल के अंदर सोलर पंप के माध्यम से तालाबों में पानी उपलब्ध कराया गया है। नहरें जब बंद हो जाती है, तब जंगली जानवरों को पानी की किल्लत हो जाती है। ऐसी दशा में वन्यजीव रास्ता भटककर आबादी का रुख कर लेते हैं, जहां पर बाघ-मानव संघर्ष की स्थिति पैदा हो जाती है। जंगल में पानी की व्यवस्था बेहतर न होने की वजह से जानवर बाहर आ रहे हैं। टाइगर रिजर्व के उप निदेशक आदर्श कुमार ने जंगल के अंदर वॉटर बॉडीज के सर्वे कराने की बात कही है। उप निदेशक के मुताबिक, जंगल के अंदर वॉटर बॉडीज का सर्वे कराया जाएगा, जिससे रेंजवार स्थिति पता चल सकेगी। जिस क्षेत्र में वॉटर बॉडीज कम होगी। वहां पर व्यवस्था कराई जाएगी। किसी भी दशा में जल का संकट पैदा नहीं होने दिया जाएगा। जंगल के अंदर कुछ तालाबों में सोलर पैनल से पानी भरने की व्यवस्था है। आगे और बेहतर व्यवस्था की जाएगी।


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