Lockdown Ramjan : वसीम बरेलवी बोले रोजा अल्लाह का अपने बंदो के लिए बेहतरीन तोहफा Bareillly News
साल के 12 महीनों में से अल्लाह ने रमजान का एक महीना अच्छाइयों की तरबियत के लिए बंदों को दिया है।
बरेली, जेएनएन । साल के 12 महीनों में से अल्लाह ने रमजान का एक महीना अच्छाइयों की तरबियत के लिए बंदों को दिया है। एक माह के अभ्यास की बदौलत शेष 11 महीनों में अच्छा करने के लिए प्रेरणा मिलती है। रोजा अल्लाह का अपने बंदो के लिए बेहतरीन तोहफा है। बंदा रोजे की हालत में रहकर अपने नफ्स पर काबू पाना सीखता है। कोई लड़ने पर अमादा होता है। तो इस दौरान उससे बचकर निकल आता है।
जुबान पर काबू रखता है। रोजा सब्र करना सिखाता है। सब्र की बदौलत घर बनता है, मुहल्ला खुशगवार होता है। रिश्तो को मजबूती मिलती है ।अमन कायम होता है। सब्र करने वाले को यह एहसास होने लगता है कि जिंदगी सद्भाव से चलती है। टकराव से नहीं। लिहाजा सब्र का लफ्ज पूरी कायनात पर हावी हो जाता है। कुरान में भी फरमा दिया है ए मोमिनो सब्र और नमाज से मदद मांगों। बेशक अल्लाह सब्र करने वालों के साथ है यह एक महीना इसलिए मिलता है कि खुद को तोले। आंकलन करें और अल्लाह के हुक्म पर कितना अमल किया। जितना करेंगे उतना ही अल्लाह के करीब होते चले जाएंगे । रमजान के आखिरी लम्हात हैं इसमें पूर्ण से निजात के लिए दुआ भी मांगे।