जिला महिला चिकित्सालय घूमकर बोली ये अाईपीएस यहां सब भगवान भरोसे... Bareilly News
नोडल अधिकारियों की तीन सदस्यीय टीम आइपीएस अपर्णा गुप्ता के नेतृत्व में बुधवार शाम जिला महिला अस्पताल के निरीक्षण को पहुंची। उन्होंने लेबर रूम से अस्पताल के सभी वार्डो को चेक किया।
जेएनएन, बरेली : नोडल अधिकारियों की तीन सदस्यीय टीम आइपीएस अपर्णा गुप्ता के नेतृत्व में बुधवार शाम जिला महिला अस्पताल के निरीक्षण को पहुंची। उन्होंने लेबर रूम से अस्पताल के सभी वार्डो को चेक किया। गर्भवती महिलाओं व प्रसूताओं से बातचीत की। एक बेड पर दो-दो महिलाएं भर्ती होने पर नाराज हुई, हालांकि अन्य सभी व्यवस्थाओं से संतुष्ट दिखीं। एनीमिक व कम उम्र की युवतियों के मां बनने पर चिंता जताई। इस पर ध्यान देने की जरूरत बताई।
जिला अस्पताल पहुंची अधिकारियों की टीम
महिला योजनाओं की समीक्षा करने आई अधिकारियों की टीम सीधे पुरुष अस्पताल की इमरजेंसी पहुंच गई। वहां से महिला अस्पताल की इमरजेंसी में आई। सीएमओ के नहीं होने पर थोड़ा नाराज हुई। फिर उन्होंने लेबर रूम देखा। उन्होंने अस्पताल में होने वाली मातृ-शिशु दर का आंकड़ा मांगा। फिर पूछा कि दवा उपलब्ध है या नहीं। ऊपर पहली मंजिल पर पैथोलॉजी लैब भी देखी और खाने के बारे में पूछा। फिर कंगारू मदर केयर यूनिट और सिक न्यू बोर्न केयर यूनिट के साथ ही ऑपरेशन थिएटर भी देखा। आइपीएस अपर्णा गुप्ता ने बताया कि नया बना अस्पताल काफी अच्छा है। योजनाओं का क्रियान्वयन अच्छी तरह हो रहा है। स्टाफ काफी मोटीवेटेड है। बेड की कमी को सुधारने को कहा है।
अपने राज्य का ही नाम नहीं बता पाए बच्चे
बिथरी चैनपुर के मोहनपुर ठिरिया के स्कूलों का भी समिति ने निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने स्कूलों में बच्चों से बंद कमरे में सवाल पूछे। आठवीं कक्षा के जब एक बच्चे से राज्य का नाम पूछा गया तो वह नाम नहीं बता पाया। इतना ही नहीं कई बच्चों को यही नहीं पता था कि उनके देश में कितने राज्य हैं। पढ़ाई के इस स्तर को देखकर उन्होंने बीएसए से नाराजगी जताई और फटकार लगाई। समिति ने एएनएम सेंटर का भी निरीक्षण किया। यहां पर न तो उन्हें रजिस्टर दुरुस्त मिले और न ही रिकार्ड। चौपाल लगाकर उन्होंने महिलाओं से योजनाओं के बारे में जानकारी ली। इस पर कुछ महिलाओं ने जवाब दिया तो कुछ ने अनभिज्ञता जाहिर की। इस पर उन्होंने नाखुशी जाहिर की।
सीएमओ और पुलिस ने दिया प्रजेंटेशन
पहले दिन समीक्षा में डाटा पेश नहीं कर पाने वाले स्वास्थ्य विभाग और पुलिस से उन्होंने बुधवार को डाटा मांगा। दोनों ही विभागों ने प्रजेंटेशन दिया।
यहां पर सबसे ज्यादा फालोअप की कमी है। भगवान भरोसे चीजें छोड़ दी जाती हैं। एएनएम और आंगनबाड़ी कार्यकत्री को प्रशिक्षण की जरुरत है। प्राथमिक अध्यापकों का लेवल बढ़ाने की जरुरत है। बच्चे सीखना चाहते हैं लेकिन उन्हें वह माहौल देने की जरुरत है।
- अपर्णा गुप्ता, नोडल अधिकारी