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नगर आयुक्त पर जांच के लिए रिपोर्ट का इंतजार

रजऊ परसपुर में बने सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट को बिना मंजूरी शिफ्ट करने समेत अन्य मामलों में अनियमिता के आरोप में घिरे नगर आयुक्त राजेश श्रीवास्तव के खिलाफ प्रारंभिक जांच के आदेश डीएम ने एडीएम प्रशासन रामसेवक द्विवेदी को सौंपे हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 25 May 2018 09:22 AM (IST)Updated: Fri, 25 May 2018 09:22 AM (IST)
नगर आयुक्त पर जांच के लिए रिपोर्ट का इंतजार
नगर आयुक्त पर जांच के लिए रिपोर्ट का इंतजार

जागरण संवाददाता, बरेली : रजऊ परसपुर में बने सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट को बिना मंजूरी शिफ्ट करने समेत अन्य मामलों में अनियमिता के आरोप में घिरे नगर आयुक्त राजेश श्रीवास्तव के खिलाफ प्रारंभिक जांच के आदेश डीएम ने एडीएम प्रशासन रामसेवक द्विवेदी को सौंपे हैं। एडीएम से इस पूरे मामले में रिपोर्ट मांगी है। शुक्रवार को रिपोर्ट डीएम के पास भेजी जाएगी। एडीएम के प्रारंभिक परीक्षण के आधार पर तय होगा कि जांच कौन करेगा। प्रकरण में लोको कॉलोनी निवासी सत्यवीर सिंह ने केंद्रीय वित्त मंत्रालय में शिकायत की थी। इसी का संज्ञान लेकर शासन ने नगर आयुक्त के खिलाफ आरोप की जांच कराने के लिए डीएम को निर्देश दिए हैं।

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प्रशासनिक और कलेक्ट्रेट के कार्य विभाजन में एडीएम प्रशासन नगर निकाय, नगर विकास मामलों के ऑफीसर इंचार्ज (ओसी) हैं। जिले की सभी नगर पालिका, नगर पंचायत के साथ-साथ नगर निगम के प्रशासन और शासन से संबंधित प्रकरण एडीएम प्रशासन देखते हैं। इसी के चलते डीएम ने शासन से आए जांच आदेशों और शिकायत का प्रारंभिक परीक्षण करने के निर्देश दिए हैं।

नगर आयुक्त से वरिष्ठ अधिकारी को ही जांच

प्रांतीय सिविल सेवा (पीसीएस) के वरिष्ठता क्रम के अनुसार नगर आयुक्त के पद पर सेवाकाल में अनुभवी और वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी नियुक्त किए जाते हैं। जिले में तैनात पीसीएस अधिकारियों में राजेश श्रीवास्तव वरिष्ठ अधिकारी हैं। उनसे सीनियर अधिकारी ही जांच के लिए अधिकृत हैं। जिले में तैनात प्रशासनिक अधिकारियों में तीनों एडीएम उनसे कनिष्ठ बैच के अधिकारी हैं। मंडलीय पद में संयुक्त विकास आयुक्त, अपर आयुक्त वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी हैं।

कौन कर सकते हैं जांच

डीएम : सरकार से आदेश डीएम के पास आए हैं। लेकिन, स्वयं जांच की संभावना कम है।

सीडीओ : सत्येंद्र कुमार आइएएस अधिकारी हैं। लेकिन, नगर निगम या प्रशासनिक दायित्व से सीधे जुड़े होने पर संभावना कम

बीडीए उपाध्यक्ष : डॉ. सुरेंद्र पांडेय आइएएस हैं। नगर आयुक्त से वरिष्ठ अधिकारी हैं, लेकिन प्रशासन से बाहर दूसरे विभाग में होने के चलते जांच सौंपे जाने की संभावना कम हैं।

संयुक्त विकास आयुक्त : वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी हैं। सीडीओ भी रहे हैं। मंडलायुक्त नगर निगम के पदेन अध्यक्ष हैं। इस कारण इन्हें जांच सौंपे जाने की संभावना हैं।

अपर आयुक्त : मंडल कार्यालय में कमिश्नर के बाद सबसे वरिष्ठ अधिकारी। डीएम की सिफारिश पर इन्हें भी जांच अधिकारी बनाया जा सकता है।

एसडीएम की जांच अपर आयुक्त से कराने की सिफारिश

निकाय निर्वाचन के दौरान नवाबगंज में भाजपा जिलाध्यक्ष के साथ हुए प्रकरण और चुनाव में पद के दुरुपयोग के आरोपों में घिरे एसडीएम फरीदपुर राजेश कुमार की जांच जिले में नहीं होगी। शासन से आदेश के बाद एक सप्ताह तक डीएम ने पूरे प्रकरण का परीक्षण किया। एसडीएम की जांच दो रैंक ऊपर के अधिकारी के तौर पर अपर आयुक्त से कराने की सिफारिश के साथ फाइल कमिश्नर के पास भेज दी है। अब जांच कराने का फैसला मंडलायुक्त के पाले में है।

वर्जन..

नगर आयुक्त के खिलाफ जांच मामले में कागजात आ गए हैं। प्रारंभिक परीक्षण के लिए एडीएम प्रशासन को सौंपी है। एडीएम की रिपोर्ट शुक्रवार तक मिल जाएगी। इसके बाद जांच के संबंध में कोई निर्णय किया जा सकेगा। एसडीएम राजेश कुमार के खिलाफ शिकायत की जांच अपर आयुक्त से कराने के लिए कमिश्नर कार्यालय में फाइल भेज दी है।

वीरेंद्र कुमार सिंह, डीएम


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