शाहजहांपुर में बेसहारा पशुओं को ग्रामीणों ने स्कूल में किया बंद, पशु बंद होने के कारण बच्चों की कर दी गई छुट्टी
बेसहारा पशुओं से खेतों में हो रहे नुकसान से परेशान ग्रामीणों अपनी समस्या का समाधान कराने के लिए अनोखा तरीका अपनाया है। बेसहारा पशुओं को गोशाला में सुरक्षित रखने के लिए जगह नहीं मिलने पर ग्रामीणों ने करीब 24 गोवंशीय पशुओं को प्राथमिक स्कूल में बंद कर दिया था।
बरेली, जेएनएन। Villagers locked stray animals in school in Shahjahanpur : बेसहारा पशुओं से खेतों में हो रहे नुकसान से परेशान ग्रामीणों अपनी समस्या का समाधान कराने के लिए अनोखा तरीका अपनाया है। बेसहारा पशुओं को गोशाला में सुरक्षित रखने के लिए जगह नहीं मिलने पर ग्रामीणों ने करीब 24 गोवंशीय पशुओं को प्राथमिक स्कूल में बंद कर दिया था। फिर समस्या का समाधान कराने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया।
गुरुवार को हुए इस घटनाक्रम के बाद भी स्थिति में सुधार नहीं हुआ और पशु स्कूल में ही बंद रहे। इसके चलते स्कूल में पढ़ने आए बच्चों को लौटा दिया गया। शुक्रवार को बीडीओ राघवेंद्र सिंह समझाने आये मगर, ग्रामीण स्थाई समाधान कराने की मांग पर अड़े रहे। जूनियर स्कूल में आए बच्चों को घर लौटाकर वहां भी कुछ पशु बंद कर दिए। प्रधानाचार्य दीप जोशी ने एसडीएम को बताया मगर, समाधान नहीं हुआ।
शाहजहांपुर जनपद के विकासखंड ददरौल के पिंगरी गांव के ग्रामीण बेसहारा पशुओं से परेशान है। गुरुवार को ग्रामीण पड़ोस के गांव धन्यौरा में बनी गोशाला में पशु लेकर गए थे लेकिन वहां क्षमता पूरी होने की बात कहकर पशुओं को लेने से इन्कार कर दिया था। नाराज ग्रामीणों ने प्राथमिक विद्यालय पिंगरी के छात्र-छात्राओं को बाहर निकालकर वहां पशुओं को बंद कर दिया। इसके बाद विद्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए।
शुक्रवार को बीडीओ राघवेंद्र सिंह ग्रामीणों को समझाने पहुंचे लेकिन ग्रामीण स्थायी समाधान के बाद ही धरना खत्म करने की जिद पर अड़े है। शुक्रवार दोपहर तक जब कोई उच्चाधिकारी नहीं पहुंचा तो ग्रामीणों ने जूनियर स्कूल के छात्र-छात्राओं को भी बाहर निकाल दिया। साथ ही खेतों में घूम रहे पशुओं को पकड़कर वहां बंद करना शुरू कर दिया है। प्रधानाचार्य दीप जोशी ने बताया कि इस संबंध में उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। क्याेंकि विद्यालय में पशु आने से छात्र-छात्राओं को खतरा था।