गोल्ड लोन न चुकाने पर गहनों की नीलामी को लेकर वरुण गांधी का केंद्र सरकार पर निशाना, बोले- क्या यही है नए भारत के निर्माण की परिकल्पना
पीलीभीत सांसद वरुण गांधी ने अपने ट्विटर पर लिखा कि किसी भी हिंदुस्तानी का जेवर या मकान गिरवी रखना अंतिम विकल्प होता है। महामारी और महंगाई की दोहरी मार झेल रहे आम भारतीयों को यह असंवेदनशीलता अंदर तक तोड़ देगी।

बरेली, जेएनएन। अपने सवालों से सरकार को लगातार असहज करने वाले सांसद वरुण गांधी ने सोमवार को एक और ट्वीट कर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। इस बार उन्होंने अखबार में छपी गोल्ड लोन नहीं चुकाने पर एक लाख लोगों के गहनों की एक साथ नीलामी संबंधी खबर की कटिंग को ट्वीटर पर साझा किया। साथ ही लिखा कि अपनी पत्नी के जेवर गिरवी रखते वक्त पुरुष का आत्मसम्मान भी गिरवी हो जाता है। किसी भी हिंदुस्तानी का जेवर या मकान गिरवी रखना अंतिम विकल्प होता है। महामारी और महंगाई की दोहरी मार झेल रहे आम भारतीयों को यह असंवेदनशीलता अंदर तक तोड़ देगी।
सांसद ने सवाल उठाते हुए आगे लिखा कि क्या यही नए भारत के निर्माण की परिकल्पना है। इससे पहले गत दिवस सांसद ने ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने कर्ज से तंग एक किसान के आत्महत्या कर लेने की खबर की कटिंग ट्वीटर पर अपलोड करने के साथ ही लिखा था कि देश का किसान या छोटा दुकानदार हजारों रुपये का कर्ज न चुका पाए तो उनकी कुर्की होगी या उन्हें आत्महत्या के लिए मजबूर होना पड़ेगा। लेकिन, हजारों करोड़ रुपये की चोरी करने वालों को आसानी से जमानत मिल जाती है और वे लोग मनमानी कीमत पर लेनदेन कर फिर से अपने वैभवशाली जीवन में लौट जाते हैं। सांसद बैंकों के प्रस्तावित निजीकरण को लेकर भी सवाल उठा चुके हैं।
कुछ दिन पूर्व वरुण गांधी ने जेएनयू की नई कुलपति की नियुक्ति पर सवाल उठाए थे। ट्वीट कर लिखा था कि जेएनयू के नए कुलपति की प्रेस विज्ञप्ति व्याकरण की गलतियों से भरी साक्षरता की प्रदर्शनी है। उसमें उन्होंने विज्ञप्ति की गलतियां भी इंगित की थीं। साथ ही कहा था कि इस तरह की औसत दर्जे की नियुक्तियां हमारी मानव पूंजी और हमारे युवाओं के भविष्य को नुकसान पहुंचाने का काम करती हैं।

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