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बरेली में उतर आया पहाड़, जानिए कैसे लुभा रही उत्तराखंड की संस्कृति

मशकबीन और रणसिंघा की गगनभेदी तान संग रंग-बिरंगी पारंपरिक परिधान पहले कलाकार लुभा रहे।

By JagranEdited By: Published: Sun, 13 Jan 2019 09:25 AM (IST)Updated: Sun, 13 Jan 2019 09:25 AM (IST)
बरेली में उतर आया पहाड़, जानिए कैसे लुभा रही उत्तराखंड की संस्कृति
बरेली में उतर आया पहाड़, जानिए कैसे लुभा रही उत्तराखंड की संस्कृति

बरेली, जेएनएन : मशकबीन और रणसिंघा की गगनभेदी तान संग रंग-बिरंगी पारंपरिक परिधान पहले कलाकर सड़क पर निकले तो मैदान में पहाड़ों की छटा उतर आई। मौका था शनिवार को उत्तरायणी जनकल्याण समिति की ओर से आयोजित उत्तरायणी मेले के रंगारंग आगाज का। रंगयात्रा में शामिल छोलिया टीम के मनमोहक लोकनृत्य को देखने के लिए हर कोई आतुर नजर आया।

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एडीजी प्रेमप्रकाश ने रंगयात्रा का शुभारंभ किया। इसमें कलाकारों ने देवभूमि की अद्भुत संस्कृति का प्रदर्शन करते हुए शहरवासियों को रोमांचित किया। शोका समाज के पिछौड़ा परिधान में सजी बालिकाओं ने कुमाऊंनी संस्कृति की छटा बिखेरी। हालांकि इस दौरान विभिन्न स्कूली बच्चों ने भी कलाकारों का उत्साह बढ़ाया। उनके साथ कदमताल कर समा बांधा। शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए रंगयात्रा बरेली क्लब पहुंची। बरेली क्लब मैदान में उत्तरायणी मेले का डीएम वीरेंद्र कुमार सिंह ने शुभारंभ किया। संयुक्त आयकर आयुक्त एसबी सिंह ने स्मारिका का विमोचन किया। शुभारंभ के बाद मंच पर गढ़वाल और कुमाऊं के लोकनृत्य, लोकगीतों ने धूम मचा दी। झोड़ा, चांचरी, छपेली गीतों ने मन मोह लिया। मेले में पीसी पाठक, भुवन पांडेय, सुरेंद्र सिंह विष्ट, रमेश चंद्र शर्मा, देवेंद्र जोशी, भूपाल सिंह बिष्ट, जेसी बेलवाल, मोहन पाठक, केपीएस बिष्ट, गिरीश पांडेय, आनंद सिंह भंडारी, नीता जोशी, हेमा पांडेय आदि मौजूद रहे।

पहाड़ी खाद्य व हस्तशिल्प उत्पाद खरीदने उमड़ी भीड़

मेले में 150 से अधिक स्टॉल लगाए गए हैं। इन पर हस्तशिल्प के पहाड़ी खाद्य व अन्य उत्पाद खरीदने वालों की भीड़ लगी रही। इनमें कुमाऊं का आचार, सिंगौड़ी, बाल मिठाई, गढ़वाल की दाल, मसालों के स्टॉलों संग उत्तराखंड कुटीर उद्योग व स्वयं सहायता समूहों के स्टॉल शामिल रहे। जयपुर के चूरन, कोलकाता का काथा वर्क, देहरादून की खादी, चमकौर की सूखी डंाग, रूद्रपुर के मसाले खरीदने के लिए भी स्टॉलों पर भीड़ उमड़ी।

अमित सागर ने आवाज का जादू बिखेरा

शाम ढलते ही मंच पर कलाकारों ने जलवा बिखेरा। चेत की चैतवाल गीत से सुर्खियों में आए श्रीनगर उत्तराखंड के गायक अमित सागर ने मंच पर अपनी आवाज का जादू बिखेरा तो प्रांगण तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। लोक गायिका खुशी जोशी, राजेंद्र मेहता व विपिन देव की टीम ने भी दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया।


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