भाजपा की महिला माेर्चा की क्षेत्रीय मंत्री ने थामा कांग्रेस का हाथ, बोलेंगी- लड़की हूं, लड़ सकती हूं
UP Vidhan Sabha Chunav 2022 टिकट को लेकर राजनीतिक दलों के भीतर खाने में सियासी उठापटक मची हुई है। दल बदलने का सिलसिला जारी है।भाजपा बसपा कांग्रेस समाजवादी पार्टी सभी जोड़ तोड़ का खेल खेल रही है।
बरेली, जेएनएन। UP Vidhan Sabha Chunav 2022 : भाजपा की क्षेत्रीय मंत्री महिला मोर्चा अल्का सिंह ने भाजपा से त्यागपत्र देकर कांग्रेस का हाथ थामा है। प्रियंका गांधी वाड्रा की लड़की हूं लड़ सकती हूं से प्रभावित होकर उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता दिल्ली में प्रियंका गांधी से मुलाकात के बाद की है। वह बिथरी चैनपुर से टिकट की मांग कर रहीं हैं। पार्टी के जिलाध्यक्ष मिर्जा अशफाक सकलैनी ने बताया कि अल्का सिंह ने कांग्रेस की सदस्यता ली है।
अभी उनकी पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से मुलाकात हुई। केवल पार्टी की सदस्यता रसीद कटनी शेष रह गई। जिसके कटने के बाद बुधवार को वह पार्टी में शामिल होने की अधिकारिक घोषणा करेंगी। जबकि जागरण से बातचीत में अल्का सिंह ने केवल भाजपा से इस्तीफे की बात स्वीकार की। कांग्रेस में शामिल होने की बात को उन्होंने नकारा है। कहा कि अगले कदम की जानकारी को वह इंटरनेट मीडिया के प्लेटफार्म पर सार्वजनिक करके इसकी घोषणा करेंगी।
सपा के बाद कांग्रेस में भी अंतर कलह शुरू
भाजपा छोड़ सपा में शामिल हुए मंत्री, विधायक आदि के जाने से जहां सपा में अंतर कलह शुरू हो गई है। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस में भी दूसरे दलों के प्रत्याशियों को शामिल किए जाने के बाद से पार्टी के कार्यकर्ताओं में नाराजगी है। कैंट से टिकट मांग रहे एक पार्टी के सदस्य ने पार्टी से त्यागपत्र देते हुए जहां सपा में शामिल हो गए। वहीं कई कार्यकर्ता मंगलवार को अपनी नाराजगी जाहिर करने के लिए दिल्ली स्थित पार्टी कार्यालय पहुंच गए। यहां पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से मुलाकात न होने पर सभी ने पार्टी कार्यालय के बाहर धरना देना शुरू कर दिया।
जागरण से फोन पर हुई वार्ता में बताया कि पार्टी महासचिव ने संवाद के दौरान कहा था कि संगठन के लोग जो 30 साल से कांग्रेस में है। भाजपा की नीतियों के खिलाफ जेल गए उन कार्यकर्ताओं के संघर्ष को सलाम और उनको ही पार्टी का प्रत्याशी बनाया जाएगा। लेकिन वर्तमान में उन बातों को भूलकर रात 12 बजे जो लोग दूसरे दलों को छोड़कर पार्टी की सदस्यता लेते हैं उन्हें अगले दिन सुबह पार्टी का प्रत्याशी बना दिया जाता है। जिससे पार्टी कार्यकर्ता नाराज है। अलावा इसके जब कार्यकर्ता अपनी नाराजगी जाहिर करने के लिए आपसे मिलने आता है तो उसे आपसे मिलने नहीं दिया जाता है। धरना देने वालों में डा. हरीश गंगवार, कमर गनी, हज्जन राविया अख्तर, सुनीता गंगवार, सोमपाल, सतीश, सुधीर रस्तोगी, विजय मौर्य, डा. जकीर खान आदि रहे।