Move to Jagran APP

UP Police: लिखवाई थी मारपीट की तहरीर, दर्ज किया लूट का मुकदमा... प‍ढिए ये रिपोर्ट Bareilly News

किसानों के साथ हुई लूट को मैनेज करने की कोशिश करने वाली पुलिस अपने ही कदमों में उलझती जा रही।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Wed, 20 Nov 2019 08:02 AM (IST)Updated: Wed, 20 Nov 2019 01:50 PM (IST)
UP Police: लिखवाई थी मारपीट की तहरीर, दर्ज किया लूट का मुकदमा... प‍ढिए ये रिपोर्ट Bareilly News
UP Police: लिखवाई थी मारपीट की तहरीर, दर्ज किया लूट का मुकदमा... प‍ढिए ये रिपोर्ट Bareilly News

जेएनएन, बरेली : किसानों के साथ हुई लूट को मैनेज करने की कोशिश करने वाली पुलिस अपने ही कदमों में उलझती जा रही। बंद कमरे में पीडि़तों को लूट की आधी रकम देकर मारपीट की तहरीर लेने की जांच अभी शुरू भी नहीं हुई थी कि इस मामले में एक और विवाद जुड़ गया। लूट का मुकदमा दर्ज होने की जानकारी पर थाने पहुंचा पीडि़त एफआइआर की कापी देखकर दंग रह गया। मुकदमे की उसे वादी बनाया गया। जबकि पीडि़त का कहना है कि घटना वाले दिन तो पुलिस ने उससे मारपीट की तहरीर लिखाई थी। लूट की तहरीर तो उसने दी ही नीं। यह भी आरोप लगाया कि इसमें घटना से संबंधित कई तथ्य भी नहीं लिखे गए हैं।

loksabha election banner

दर्ज किया लूट का मुकदमा: शनिवार को फरीदपुर में बाईपास मोड़ के पास नरियावल मंडी से धान बेचकर आ रहे फतेहगंज पूर्वी के गांव सिमरा हरिचरण निवासी आशू पुत्र छात्रपाल, पातीराम पुत्र हरपाल व सर्वेश पुत्र चिरौंजीलाल के साथ लूट हुई थी। लूट साधु वेश में कार से बदमाशों ने की थी। इस मामले में फरीदपुर थाना पुलिस रिपोर्ट दर्ज करने से बचती रही। पुलिस ने पीडि़तों को लूटी गई रकम में से आधे रुपये भी पीडि़तों को दे दिए और मारपीट की तहरीर ले ली। लेकिन किसानों ने बाहर आकर पुलिस की इस कहानी को उजागर कर दिया। इसकी जानकारी जब अधिकारियों तक पहुंची तो रविवार रात को मुकदमा दर्ज करने की तैयारी हुई। पुलिस पीडि़तों की तलाश करने उनके गांव भी गई, लेकिन वह नहीं मिले, लेकिन पुलिस ने लूट का मुकदमा दर्ज कर लिया।

मारपीट की लिखवाई थी तहरीर: मुकदमा दर्ज होने की जानकारी पीडि़त आशू व अन्य दोनों किसानों को मंगलवार को हुई। वे थाने पहुंचे और मुकदमे की कापी निकलवाई। कापी देखने के बाद आशू आश्चर्यचकित हो गए। लूट के इस मुकदमे में वादी उन्हें ही लिखा गया। उन्होंने बताया कि घटना वाले दिन दारोगा लूट की बात मानने को तैयार ही नहीं थे। बाद में उन्हें मारपीट की तहरीर लिखवाई थी।

51 नहीं 44 हजार की मानी लूट: पुलिस ने काफी माथा पच्ची के बाद 51 हजार रुपये की नहीं बल्कि 44 हजार की लूट मानी है। लूट का जो मुकदमा दर्ज किया गया है उसमें आशू से 18 हजार, पातीराम के 16 हजार व सर्वेश के 10 हजार रुपये दर्शाए गए हैं। आशू ने बताया कि यह वह रकम है जो उन्हें धान बेचकर मिली थी। पहले से रखे रुपये पुलिस ने इसमें नहीं शामिल किए हैं।

अंदर से भी बाहर आ रहीं बातें: लूट की घटना में मुकदमा दर्ज करने में जो देरी हुई, उससे पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े हुए हैं। इस मामले के बारे में जानने का प्रयास किया तो थाने के कुछ लोगों ने बात हंस कर टाल दी तो कुछ ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर लेना चाहिए था। मुकदमा दर्ज न हो इसके चलते यह पूरी कहानी रची गई।

जेब से रुपये देकर कर रहे थे मैनेज: घटना वाले दिन दारोगा ने तीनों से कहा था कि कुछ रुपये का इंतजाम कराए दे रहे हैं। लूट की बात भूल जाओ, मारपीट की तहरीर लिखकर दो। आशु ने बताया कि दारोगा ने तीनों लोगों को 19 हजार रुपये दिए थे। मुकदमा दर्ज होने के बाद उन्होंने रुपये भी वापस नहीं लिए।

लूट का मुकदमा पीडि़त की तहरीर पर ही दर्ज हुआ है। पता नहीं वह क्यों मना कर रहा है। जांच के भी अभी लिखित आदेश नहीं मिले हैं। कोई आदेश मिले तो जांच की जाएगी।

-नागेंद्र यादव, सीओ, फरीदपुर

लूट के मुकदमे की विवेचना दी गई है। वह शुरू कर दी है। मंगलवार को वादी के बयान भी दर्ज किए हैं। मुकदमा दर्ज कराने के लिए तहरीर किसने दी इसकी जानकारी नहीं है।

- सत्यवीर सिंह, विवेचक  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.