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UP Police : अब पुलिस कर्मी बचाएंगे हार्ट अटैक से जान, यूपी डीजीपी की पहल, शाहजहांपुर में प्रशिक्षित हाेंगे पुलिस कर्मी

UP Police लगातार ड्यूटी के कारण पुलिसकर्मी तनाव व डिप्रेशन का शिकार हो रहे है। हार्ट अटैक पड़ने की भी संभावना बनी रहती है। ऐसा होने पर पुलिसकर्मी ही सीपीआर(कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन) देकर जान बचाने में एक-दूसरे के मददगार बन सकते है।

By Ravi MishraEdited By: Published: Wed, 29 Sep 2021 06:54 PM (IST)Updated: Wed, 29 Sep 2021 06:54 PM (IST)
UP Police : अब पुलिस कर्मी बचाएंगे हार्ट अटैक से जान, यूपी डीजीपी की पहल, शाहजहांपुर में प्रशिक्षित हाेंगे पुलिस कर्मी
UP Police : अब पुलिस कर्मी बचाएंगे हार्ट अटैक से जान

बरेली, जेएनएन। UP Police : लगातार ड्यूटी के कारण पुलिसकर्मी तनाव व डिप्रेशन का शिकार हो रहे है। हार्ट अटैक पड़ने की भी संभावना बनी रहती है। ऐसा होने पर पुलिसकर्मी ही सीपीआर(कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन) देकर जान बचाने में एक-दूसरे के मददगार बन सकते है। इसके लिए उन्हें स्वास्थ्य विभाग के विशेषज्ञों के माध्यम से प्रशिक्षित भी किया जाएगा। प्रशिक्षित पुलिसकर्मी हादसे में घायल से लेकर हार्ट अटैक पड़ने वालों की भी जान बचा सकेंगे।

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पुलिस महकमे में यह पहल मंगलवार को डीजीपी मुकुल गोयल ने की है। उन्होंने गूगल मीट के जरिये सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को स्वास्थ्य विभाग के विशेषज्ञों से आनलाइन प्रशिक्षण दिलाया। इस प्रशिक्षण में डीजीपी स्वयं भी शामिल रहे। अब एसपी इस क्रम काे आगे बढ़ाते हुए सभी सीओ व थानाध्यक्षों को भी प्रशिक्षण दिलाएंगे। ताकि सहकर्मी को दिल का दौरा या इस तरह की अन्य कोई दिक्कत होने पर प्राथमिक उपचार से लोगों की जान बचाई जा सके।

क्राइम मीटिंग से होगी

हर माह होने वाली क्राइम मीटिंग से इसकी शुरुआत होगी। जिसमे एसपी ने सीएमओ व स्वास्थ्य विभाग के अन्य विशेषज्ञों को भी इसमे आमंत्रित करने का निर्णय लिया है। इसके बाद यह क्रम थाना स्तर तक पहुंचेगा।

हार्ट अटैक के हर दिन पहुंच रहे 80 मरीज

बढ़ते काम के दबाव की वजह से डिप्रेशन के शिकार 120 मरीज औसतन राजकीय मेडिकल कालेज में हर दिन पहुंच रहे है। जिसमे 80 मरीजों हार्ट अटैक पड़ने का उपचार कराने पहुंचते है। इसी तरह सामुदायिक, प्राथमिक व निजी अस्पतालों में भी मरीजों की संख्या पहुंच रही है।

यह उपाय अपनाएंगे पुलिसकर्मी

प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद पुलिसकर्मियों के सामने यदि हार्ट अटैक जैसी कोई घटना होगी तो वह एंबुलेंस बुलाने के बाद सीपीआर के जरिये उसकी मदद करना शुरू कर देंगे। इसके बाद अस्पताल में भर्ती कराएंगे।

क्राइम मीटिंग में सीएम व स्वास्थ्य विभाग के अन्य विशेषज्ञों के माध्यम से थानाध्यक्षों को सीपीआर के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। इससे हादसा होने पर भी मरीजों की पुलिसकर्मी जान बचाने में मददगार बन सकते है। इसके बाद सभी थाना स्तर पर भी प्रशिक्षण कार्यक्रम होंगे। एस आनंद, एसपी


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