UP Election 2022: जानिए, आखिर किस पार्टी ने यूपी विधानसभा के पहले चुनाव में ही कांग्रेस को पीलीभीत में दो सीटों पर दे दी थी शिकस्त
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 वर्ष 1952 के विधानसभा चुनाव में पीलीभीत में पूरनपुर सह बीसलपुर पूर्वी सीट से सोशलिस्ट पार्टी के मुनेंद्र पाल सिंह 10 हजार 7 वोट पाकर जीते थे। उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के राममूर्ति लाल को 8578 वोट ही मिल सके थे।
बरेली, जेएनएन। आजादी के बाद देश में संविधान लागू होने के बाद जब उत्तर प्रदेश विधानसभा के पहले चुनाव हुए तो कांग्रेस की लहर चल रही थी लेकिन इसके बावजूद सोशलिस्ट पार्टी ने पीलीभीत में कांग्रेस को न सिर्फ कड़ी चुनौती दी बल्कि चार में से दो सीटों पर जीत का परचम भी लहरा दिया।
वर्ष 1952 के विधानसभा चुनाव में पीलीभीत में पूरनपुर सह बीसलपुर पूर्वी सीट से सोशलिस्ट पार्टी के मुनेंद्र पाल सिंह 10 हजार 7 वोट पाकर जीते थे। उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के राममूर्ति लाल को 8578 वोट ही मिल सके थे। इसी तरह बीसलपुर सेंट्रल सीट से सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार हरिप्रसाद 9455 वोट पाकर जीते। उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के कुंवर भगवान सिंह को 8731 वोट पाकर पराजित हो गए थे। दरअसल तराई का यह जिला पुराने जमाने से ही समाजवादियों का गढ़ रहा है। इसी कारण संविधान लागू होने के बाद हुए पहले चुनाव में ही कांग्रेस को दो सीटों पर पराजय का सामना करना पड़ा था। हालांकि दो सीटें कांग्रेस के खाते में गई थीं। जिनमें पीलीभीत पश्चिम सीट से कांग्रेस उम्मीदवार मकसूद आलम खान 12496 वोट पाकर जीते। उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी केएमपीपी के उम्मीदवार मोहम्मद इवाज को 5300 वोट मिले थे। इसके अलावा पीलीभीत पूर्वी सह बीसलपुर पश्चिमी सीट से कांग्रेस के निरंजन सिंह 8 हजार 48 वोट पाकर जीते। उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी केएमपीपी के उम्मीदवार एनएन मिश्रा को 3880 वोट मिले थे।
चुनाव में प्रचार को तकनीक का सहारा ले रहे राजनीतिक दल: इस बार मतदाताओं को लुभाने के लिए नारा या फिर सड़कों पर शोर नहीं दिखाई दे रहा है। मतदाताओं को लुभाने और उनके दिल में अपनी छाप छोड़ने के लिए इंटरनेट मीडिया का सहारा लिया जा रहा है। सभी दलों के कार्यकर्ता और उम्मीदवार फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम के जरिए मतदाताओं तक अपनी बात पहुंचा रहे हैं। इंटरनेट मीडिया के जरिए युवाओं से लेकर बुजुर्ग तक अपने पक्ष में करने की कोशिश में लगे है। कोरोना महामारी की पहली लहर से ही कांग्रेस ब्लाक अध्यक्षों से लेकर न्याय पंचायत स्तर तक के कार्यकर्ताओं से वर्चुअल बैठक करती रही है। विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने मतदाताओं से वर्चुअल संवाद के लिए पूरी तरह से तैयार है। उनकी इंटरनेट मीडिया की टीम जिला से लेकर गांवों तक पहुंच बना ली है। प्रदेश सचिव जिला प्रभारी अनूप वर्मा ने बताया कि कोरोना महामारी से ही कांग्रेस वर्चुअल बैठंके कर रही है। विधानसभा चुनाव में भाजपा ने शहर से गांव तक मतदाताओं से वर्चुअल संवाद की पूूरी तैयारी कर ली है। पार्टी की आईटी टीम और इंटरनेट मीडिया प्रभारियों की टीम बूथ अध्यक्षों से लेकर पन्ना प्रमुखों से संवाद कर रहे है। यह टीम चुनाव आयोग की गाइडलाइन के निर्देश को ध्यान में रख कर काम कर रही है। नामांकन के बाद भाजपा की यह टीम सीधे मतदाताओं से वर्चुअल संवाद कर चुनाव पार्टी के लिए प्रचार करेंगी।