Yogi Cabinet Expansion : जानिए योगी केबिनेट में क्यों मिली छत्रपाल सिंह गंगवार को जगह, टिकैत और बीएम सिंह ने कैसे बढ़ाया छत्रपाल का कद
Yogi Cabinet Expansion एक वक्त पर याेगी मंत्रिमंडल के विस्तार में जगह पाने के लिए दौड़ में बरेली में कायस्थ चेहरा डा. अरुण शहर विधायक सबसे आगे थे। उस वक्त संतोष गंगवार केंद्रीय मंत्री थे। टर्निंग प्वाइंट संतोष गंगवार के पद से हटने के बाद आया।
बरेली, जेेएनएन। Yogi Cabinet Expansion : एक वक्त पर याेगी मंत्रिमंडल के विस्तार में जगह पाने के लिए दौड़ में बरेली में कायस्थ चेहरा डा. अरुण शहर विधायक सबसे आगे थे। उस वक्त संतोष गंगवार केंद्रीय मंत्री थे। टर्निंग प्वाइंट संतोष गंगवार के पद से हटने के बाद आया। केंद्र में बरेली का प्रतिनिधित्व डगमगाने के बाद कुर्मी मतदाताओं की नाराजगी भी नजर आने लगी। डा. अरुण के नाम पर चल विचार पर विराम लग गया। कुर्मी वोटर साधने के लिए छत्रपाल गंगवार को सामने लाया गया।
छत्रपाल गंगवार को मंत्रिमंडल में शामिल करने की एक वजह ये भी है कि पीलीभीत लोकसभा क्षेत्र में बरेली का बहेड़ी भी आता है। कुर्मी समाज के मतदाता सिर्फ बरेली में अधिक नहीं है। पीलीभीत भी कुर्मी बाहुल्य है। छत्रपाल गंगवार के जरिये बरेली के साथ पीलीभीत के मतदाताओं के बीच भी भाजपा की पैठ और गहरी होती दिख रही है। क्षेत्रीय और जातिगत समीकरणों के चलते छत्रपाल गंगवार पर ही भरोसा जताया गया।
दूसरी तरफ, प्रदेश में भाजपा सरकार बनने पर कैंट विधायक राजेश अग्रवाल को वित्त मंत्री और धर्मपाल सिंह को सिंचाई मंत्री बनाया गया था। इसके अलावा केंद्र सरकार में बरेली के सांसद संतोष गंगवार को जगह मिली। इससे केंद्र और राज्य सरकार, दोनों में ही बरेली का दबदबा था। मगर मौजूदा समय में जिले से कोई भी जनप्रतिनिधि केंद्र या राज्य सरकार में मंत्री नहीं था। ये कमी भी पूरी हुई।
टिकैत और बीएम सिंह की सरगर्मी ने भी बढ़ाया छत्रपाल का कद
छत्रपाल गंगवार के राजनीतिक कद बढ़ने के पीछे हालिया किसान नेता राकेश टिकैत की रैलियां भी कारण है। पीलीभीत और बहेड़ी में किसानों के बीच उनकी सरगर्मी की वजह से भाजपा ने किसान नेता के रूप में छत्रपाल गंगवार को उभारा है। वहीं पीलीभीत और बहेड़ी में किसान नेता बीएम सिंह का भी खासा दबदबा है। किसान बाहुल्य क्षेत्र में छत्रपाल अब भाजपा की पैठ और गहरी करेंगे।
ब्राह्मण चेहरा थे पप्पू, लेकिन जितिन को मिली तवज्जो
मंत्रिमंडल विस्तार के वक्त ब्राह्मणों की एक लॉबी ऐसी भी थी जो विधायक राजेश मिश्रा उर्फ पप्पू भरतौल के लिए राज्यमंत्री बनाए जाने की सिफारिश कर रही थी। वह ब्राह्मण चेहरा भी हैं। क्षेत्र में उनका राजनीतिक कद भी अच्छा है। लेकिन कांग्रेस छेाड़कर भाजपा में शामिल हुए शाहजहांपुर के जितिन प्रसाद की राजनीतिक विरासत और ब्राह्मणों का बड़ा चेहरा होने के नाते तवज्जो मिली।
कई कद्दावर नेता दौड़ में पिछडे़
कुर्मी मतदाताओं के बीच चर्चा ये भी रही, कि अगर विधायक केसर सिंह कोविड संक्रमण की वजह से काल के गाल में न समा गए होते। तो योगी मंत्रिमंडल विस्तार में उन्हें जगह मिल सकती थी। भाजपा से ही राजनीतिक करियर की शुरुआत करने वाले केसर सिंह कद्दावर नेता के रूप में जाने जाते थे। पूर्व सिंचाई मंत्री और मौजूदा आंवला विधायक धर्मपाल गंगवार पर भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने भरोसा नहीं जताया।
सिंचाई मंत्री रहते हुए उन्हें पद से हटाया गया था। योगी मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान क्षेत्रीय समीकरण बैठाने में फीट नहीं होने से उन्हें जगह नहीं मिली। भोजीपुरा क्षेत्र में विधायक बहोरन लाल मौर्य ने योगी आदित्यनाथ की रैली भले ही जोरदार कराई, लेकिन हालिया किसानों की उनसे नाराजगी से दौड़ में वह भी पिछड़ गए।
संतोष गंगवार के केंद्रीय मंत्रिमंडल से हटाए जाने की भरपाई करेंगे छत्रपाल
केंद्रीय मंत्रिमंडल से संतोष गंगवार के हटाने के बाद रूहेलखंड के लोगों को लगने लगा था कि उनका प्रतिनिधित्व ही कमजोर हो चुका है। सरकार ने संदेश देने का प्रयास किया है कि रूहेलखंड के लोगों का प्रतिनिधित्व कमजोर नहीं है। बरेली जिले की दोनों लोकसभा और सभी नौ विधानसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा है। जिला पंचायत और महापौर की सीट भी भाजपा के ही खाते में है।