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UP Assembly Elections 2022 : कांग्रेस ने दावेदाराें को दिया दस हजार सदस्य का लक्ष्य, जानिए दावेदारों की क्या है स्थिति

UP Assembly Elections 2022 कभी जिले की राजनीति में मजबूत पकड़ रखने वाली कांग्रेस पिछले कई वर्षों से वजूद के लिए संघर्ष कर रही है। चुनावों में प्रदर्शन संतोषजनक नहीं है लेकिन इस बार पार्टी नई ऊर्जा के साथ मैदान में उतरने का दावा कर रही है।

By Ravi MishraEdited By: Published: Sun, 28 Nov 2021 03:54 PM (IST)Updated: Sun, 28 Nov 2021 03:54 PM (IST)
UP Assembly Elections 2022 : कांग्रेस ने दावेदाराें को दिया दस हजार सदस्य का लक्ष्य, जानिए दावेदारों की क्या है स्थिति
UP Assembly Elections 2022 : कांग्रेस ने दावेदाराें को दिया दस हजार सदस्य का लक्ष्य

बरेली, जेएनएन। UP Assembly Elections 2022 : कभी जिले की राजनीति में मजबूत पकड़ रखने वाली कांग्रेस पिछले कई वर्षों से वजूद के लिए संघर्ष कर रही है। चुनावों में प्रदर्शन संतोषजनक नहीं है, लेकिन इस बार पार्टी नई ऊर्जा के साथ मैदान में उतरने का दावा कर रही है। हालांकि परिस्थितियां बदली हुईं हैं। किसी समय प्रदेश में पार्टी की धुरी मानी जाने वाले प्रसाद भवन से पार्टी का झंडा उतर चुका है।

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इसके साथ ही जिले में कोई बड़ा चेहरा भी पार्टी के पास नहीं रह गया है। हालांकि उम्मेद कश्यप को पार्टी की सदस्यता दिलायी गई थी, लेकिन अभी वह यहां ज्यादा सक्रिय नहीं हुए हैं। ऐसे में संगठन व पुराने कार्यकताओं ने स्वयं कमान संभाली है। जिलाध्यक्ष रजनीश गुप्ता तिलहर सीट से दावेदार उन्होंने जनसंपर्क अभियान तेज कर दिया है। अन्य विधानसभाओं से भी आवेदन आए हैं, लेेकिन अभी संख्या कम है। इस बार टिकट मांगने वालों को दस-दस हजार सदस्य बनाने का लक्ष्य भी दिया है। इसके अलावा प्रांतीय पदाधिकारी भी समय-समय पर प्रदर्शनों व क्षेत्र में जाकर फीडबैक ले रहे हैं।

एक सीट पर लड़ी थी कांग्रेस

2017 में कांग्रेस ने सपा के साथ गठबंधन किया। तब जिले में पार्टी को एकमात्र तिलहर विधानसभा सीट मिली थी। हाईकमान ने यहां से जितिन प्रसाद को टिकट दिया गया था, लेकिन वह चुनाव हार गए थे। इस बार भी पार्टी का फोकस तिलहर विधानसभा पर ज्यादा है।

दस बार कांग्रेस के पास रही सीट

अब तक की बात करें तो अब तक दस बार यह सीट कांग्रेस के पास रही है। इसके अलावा अन्य चुनावों में यहां से पार्टी प्रत्याशी अधिकाशत: दूसरे नंबर पर ही रहे। ऐसे में यह कांग्रेस का मजबूत गढ़ रही है। हालांकि परिसीमन के बाद निगोही विधानसभा के इसमें शामिल होने व कटरा विधानसभा बनने से समीकरण बदले हैं।

मुन्ना जीते थे आखिरी बार चुनाव

कांग्रेस के वीरेंद्र प्रताप सिंह मुन्ना 2007 में पार्टी के आखिरी विधायक चुने गए थे। उसके बाद लोकसभा, विधानसभा व अन्य चुनावों में पार्टी का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। पार्टी प्रत्याशी दूसरे नंबर पर भी नहीं आ सके। 2017 में जरूर तिलहर सीट पर जितिन प्रसाद रनर रहे थे।

तिलहर से मात्र एक आवेदन

तिलहर सीट से अब तक एक ही आवेदन हुआ है। यहां कोई दूसरा दावेदार नहीं आया है। इसके अलावा जलालाबाद में चार, ददरौल से तीन, शहर से तीन, पुवायां से चार व कटरा से दो आवेदन हुए हैं।

हमारी पार्टी पूरी ताकत से चुनाव मैदान में उतर रही है। जिले से लेकर बूथ स्तर तक तैयारी हो रही है। सदस्य बनाने का लक्ष्य भी दिया गया है। आवेदन मिले हैं, लेकिन टिकट पर निर्णय सर्वे व प्रत्याशी की छवि और काम के आधार पर होगा।रजनीश गुप्ता, जिलाध्यक्ष कांग्रेस


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