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संसाधनों के अभाव में अनियंत्रित होता मलेरिया बढ़ते मरीज, Bareilly News

जिले में मलेरिया के मरीजों की संख्या तो बढ़ती जा रही है लेकिन उसे नियंत्रण करने के लिए मानव संसाधन लगातार कम हो रहा है।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Wed, 18 Sep 2019 05:24 PM (IST)Updated: Wed, 18 Sep 2019 05:24 PM (IST)
संसाधनों के अभाव में अनियंत्रित होता मलेरिया बढ़ते मरीज, Bareilly News
संसाधनों के अभाव में अनियंत्रित होता मलेरिया बढ़ते मरीज, Bareilly News

जेएनएन, बरेली : जिले में जरूरतमंदों तक स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं पहुंच पाने और झोलाछाप के हावी होने का बड़ा कारण स्वास्थ्य विभाग खुद है। जिले में मलेरिया के मरीजों की संख्या तो बढ़ती जा रही है, लेकिन उसे नियंत्रण करने के लिए मानव संसाधन लगातार कम हो रहा है। इतना ही नहीं मलेरिया जांच की किट और दवाओं की उपलब्धता भी इस बार भरपूर नहीं है। विभाग की इस कमी खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं न मिलने से मरीज झोलाछाप के चक्कर में आ रहे हैं।

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प्लाज्मोडियम वाइवेक्स के मिल चुके 26 हजार केस 

पिछले साल जिले में मलेरिया का जबरदस्त प्रकोप रहा। मझगवां, भमोरा, आंवला, रामनगर आसपास के क्षेत्रों में कई लोगों की मौत भी हुई। हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने मौत का आंकड़ा काफी कम दिखाया। पिछले साल 20 हजार से अधिक प्लाज्मोडियम वाइवेक्स और 17 हजार से अधिक प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम के मरीज मिले थे। इस बार भी मलेरिया तेजी से फैल रहा है। आंवला तहसील के मझगवां, भमोरा और रामनगर ब्लॉक के गांवों में बीमारी का सर्वाधिक प्रकोप है। जिले में अब तक प्लाज्मोडियम वाइवेक्स के 26 हजार से अधिक मरीज सामने आ चुके हैं। इसके साथ ही खतरनाक प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम की छह हजार से अधिक मरीजों में पुष्टि हो चुकी है। बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग के इंतजाम नाकाफी साबित हो रहे हैं। बीते दिनों कई डॉक्टर, फार्मासिस्ट, लैब टेक्नीशियन के तबादले हुए, बदले में उतना स्टाफ नहीं मिल पाया।

एडी हेल्थ को भेजी जा रही पीएफ की गलत सूचना

जिले में मलेरिया के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है, लेकिन एडी हेल्थ को भेजी जाने वाली रिपोर्ट में पीएफ के सही केस नहीं दर्शाए जा रहे हैं। मामला संज्ञान में आने पर एडी हेल्थ ने नाराजगी जताते हुए जवाब देने को कहा है। जिले में बुखार व मलेरिया के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जिला अस्पताल में ही एक दिन में ढाई हजार से अधिक नए मरीज पहुंच रहे हैं। जिले में मलेरिया के मरीजों का आंकड़ा 32 हजार से अधिक हो चुका है। मलेरिया के दोनों पैरासाइट से ग्रसित होने वालों की संख्या 217 है। वही, सीएमओ कार्यालय से एडी हेल्थ को जाने वाली सूचना में आंकड़े अलग हैं। एडी हेल्थ कार्यालय को मिले आंकड़ों में वाइवेक्स के मरीजों की संख्या 23180 है जबकि खतरनाक फाल्सीपेरम के मरीजों की संख्या 5225 है। गलत सूचना मिलने की जानकारी होने पर एडी हेल्थ डॉ. राकेश दुबे ने नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि मलेरिया का सही आंकड़ा नहीं बताया गलत है। इस बाबत सीएमओ से पूछा जाएगा।

जनपद में मौजूद डॉक्टरों की स्थिति पर एक नजर 

स्वीकृत पद - 229

तैनात - 127

बिना बताए गैरहाजिर - 23

पीजी के लिए - नौ

कार्यरत - 94

इस साल तबादला - आठ

बाहर से आए - दो

अन्य स्टाफ

फार्मासिस्ट तबादला (गए) - 31

फार्मासिस्ट तबादला (आए) - पांच

लैब टेक्नीशियन के स्वीकृत पद - 27

लैब टेक्नीशियन कार्यरत - तीन

लैब असिस्टेंट स्वीकृत पद - 49

लैब असिस्टेंट कार्यरत - 34

 हमारे पास डॉक्टर्स व अन्य स्टाफ की काफी कमी है। जितनों का तबादला बाहर हुआ उतने भी जिले को नहीं मिले। उपलब्ध स्टाफ में ही बेहतर करने का प्रयास किया जा रहा है।

- डॉ. विनीत शुक्ला, सीएमओ


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