Jagran Special: रेलकर्मियों के स्वास्थ्य का ख्याल रखेगा ‘उम्मीद’ यूनिक मेडिकल आइडेंटिटी कार्ड
रेलकर्मियों के सेहत का ख्याल रखने की ‘उम्मीद’ कार्ड अब उनके हाथ में होगी। करीब 26 लाख कार्यरत और 14 लाख सेवानिवृत्त रेलकर्मी देश भर में रेलवे व नामित अस्पताल इलाज पा सकेंगे।
बरेली[दीपेंद्र प्रताप सिंह] : रेलवे कर्मियों के सेहत का ख्याल रखने की ‘उम्मीद’ उनके हाथ में होगी। ‘उम्मीद’ यूनिक मेडिकल आइडेंटिटी कार्ड एक डिजिटल कार्ड होगा। इससे करीब 26 लाख कार्यरत और 14 लाख सेवानिवृत्त रेलवेकर्मी देश भर में रेलवे के अलावा नामित निजी अस्पताल में भी इलाज करा सकेंगे। प्रक्रिया और औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार दो महीने में सुविधा को लांच करने के लिए औपचारिक आदेश जारी हो जाएंगे।
अलग-अलग कार्ड होंगे जारी
कार्यरत और सेवानिवृत्त रेल कर्मचारियों के लिए अलग-अलग कार्ड होंगे। ये सभी रेलवे चिकित्सालयों में मान्य होंगे। कर्मचारियों को पहले रेलवे की वेबसाइट umid.digitalir.in पर जाकर कर्मचारी सेक्शन में खुद का रजिस्टेशन करना होगा।
कार्मिक विभाग जांचेगा, फिर बनेगा कार्ड
आवेदन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद डाटा खुद ब खुद कार्मिक विभाग के पास पहुंच जाएगा। कर्मचारी के विवरण की अलग-अलग चरणों में जांच होगी। इसके बाद यह स्वीकृत या अस्वीकृत होगा। आवेदन की स्थिति ऑनलाइन देखी जा सकेगी।
सोशल मीडिया पर पहुंची जानकारी, औपचारिक आदेशों का इंतजार
उम्मीद मेडिकल डिजिटल कार्ड की जानकारी सोशल मीडिया और विभागीय वाट्सएप ग्रुप पर पहुंच चुकी है। हालांकि औपचारिक आदेशों का इंतजार है।- अभय कुमार चौबे, मुख्य टिकट निरीक्षक, बरेली जंक्शन
यूं कर सकेंगे मेडिकल कार्ड रजिस्ट्रेशन
- कर्मचारी को सेक्शन पर रजिस्ट्रेशन के लिए अपना पीएफ या एनपीएस नंबर, पैन नंबर व जन्म तिथि दर्ज कर डाटा ‘वेलिडेट’ करना होगा।
- सूचनाओं को कंप्यूटर सिस्टम ‘आइपीएएस’ डाटा से मिलान कर उसे ‘वेलिडेट’ करेगा। नाम व मोबाइल नंबर दर्शाएगा। इसी मोबाइल नंबर पर ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) मिलेगा।
- इसके बाद छह अंकों का पासवर्ड तैयार करना होगा। सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पीएफ या एनपीएस की जगह ‘पीपीओ’ नंबर अंकित करना होगा।
- उन्हीं सेवानिवृत्त कर्मचारियों के कार्ड की प्रक्रिया शुरू होगी। जिनका पीपीओ सातवें वेतन आयोग के अनुसार रिवाइज हो चुका है।
- इसे ‘लॉगइन’ करना होगा। जिसमें पीएफ या एनपीएस नंबर ही ‘यूजर आइडी’ होगा व पासवर्ड जो रेलकर्मी खुद तैयार करेंगे।
- सामान्य आश्रितों के अलावा जो आश्रित हैं उनके लिए सिस्टम को ‘लॉगइन’ करने के साथ एक ‘चेकलिस्ट’ दिखाई देगी। उसी के अनुसार अतिरिक्त दस्तावेज ‘स्केन’ कर अपलोड करना होगा।
- ‘इनीशिएट’ एप्लीकेशन के जरिए सावधानी से अपना डाटा दर्ज करें। कर्मचारी पहले अपना डाटा भरेगा। फिर अपने आश्रितों का डाटा।
- किसी भी नामित अस्पताल में करा सकेंगे इलाज
- कार्यरत व रिटायर 40 लाख कर्मियों को मिलेगा लाभ