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बरेली में दो सिर वाले बच्चे का हुआ जन्म, जानें किस बीमारी से था ग्रसित, कैसे होती है ये बीमारी

Two headed child born in Bareilly जिला महिला अस्पताल में दो सिर वाले बच्चे का जन्म हुआ है। बच्चे की हालत को देखते हुए उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया गया लेकिन अभिभावकों ने बाहर ले जाने में असमर्थता जताई। इस वजह से उसे एसएनसीयू में भर्ती किया गया।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Sun, 09 Jan 2022 05:46 PM (IST)Updated: Sun, 09 Jan 2022 05:46 PM (IST)
बरेली में दो सिर वाले बच्चे का हुआ जन्म, जानें किस बीमारी से था ग्रसित, कैसे होती है ये बीमारी
कोंजेनाइटल डिसआर्डर से ग्रसित नवजात को लखनऊ किया गया था रेफर।

बरेली, जेएनएन। Two headed child born in Bareilly : जिला महिला अस्पताल में दो सिर वाले बच्चे का जन्म हुआ है। बच्चे की हालत को देखते हुए उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया गया लेकिन अभिभावकों ने बाहर ले जाने में असमर्थता जताई। इस वजह से उसे एसएनसीयू में भर्ती किया गया है। जहां एक दिन बाद बच्चे की मौत हो गई। क्यारा ब्लाक के अखा निवासी दिनेश सिंह की पत्नी अनेकश्री का प्रसव जिला महिला अस्पताल में शुक्रवार को हुआ था। अनेकश्री ने जिस बच्चे को जन्म दिया, वह कोंजेनाइटल डिसआर्डर से ग्रसित मिला। बच्चे के सिर के पीछे एक और सिर जैसा हिस्सा जुड़ा हुआ था।

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इसके साथ ही बच्चे का बायां पैर भी टेड़ा था। बच्चे की हालत को देखकर डाक्टरों ने उसे लखनऊ ले जाने की सलाह दी, लेकिन परिवार ने लखनऊ ले जाने में असमर्थता दिखाई। इसके बाद बच्चे को एसएनसीयू में भर्ती कराया गया। इस बारे में जिला महिला अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. अलका शर्मा ने बताया कि बच्चे की हालत बहुत गंभीर थी। इसी वजह से हायर सेंटर रेफर किया गया था। जब परिवार वालों ने ले जाने में असमर्थता जताई तो बच्चे को एसएनसीयू में रखकर इलाज किया गया। 

क्या है कोंजेनाइटल डिसआर्डरः बाल रोग विशेषज्ञ डा. अतुल कुमार अग्रवाल का कहना है कि कोंजेनाइटल डिसआर्डर जन्म से होता है। उन्होंने बताया कि एक ही कोशिका से पूरा भ्रूण बनता है। भ्रूण बनने के दौरान जब एक साथ दो कमांड हो जाती हैं तो इस तरह की बीमारी हो जाती है।

अल्ट्रासाउंड में पता हो जाती है यह जानकारीः विशेषज्ञों का कहना है कि प्रसव के तीन माह बाद अल्ट्रासाउंड कराने के दौरान यह जानकारी हो जाती है कि बच्चा कोंजेनाइटल डिसआर्डर से ग्रसित तो नहीं है। जानकारी होने पर उसे जन्म देने की बाद होने वाली यातना से बचाया जा सकता है।


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