ढांग गिरने से दो किशोरियों की मौत
रतनगढ़ के जंगल में पीली मिट्टी खोदते समय ढांग गिरने से दो किशोरियों की मौत हो गई।
संस, बहेड़ी (बरेली) : रतनगढ़ के जंगल में पीली मिट्टी खोदते समय ढांग गिरने से दो किशोरियों की मौत हो गई। वहीं, अधिकारियों के कहने के बावजूद परिजनों ने शवों का पोस्टमार्टम नहीं कराया।
हादसा मंगलवार पूर्वाह्न लगभग 11 बजे हुआ। गांव रतनगढ़ निवासी लालमन की बेटी सीमा मां कृष्णादेवी के साथ घर के आंगन की लिपाई करने के लिए गांव के बाहर से पीली मिट्टी निकालने गई थीं। दोनों जंगल में एक बड़े टीले के नीचे से मिट्टी निकाल रही थीं। इसी बीच पड़ोस के गांव फैजगंज कमठेना के रामलाल की 12 वर्षीय बेटी ज्योति भी वहां मिट्टी निकालने के लिए पहुंच गई। सीमा व ज्योति दोनों मिट्टी निकालने लगीं। जबकि कृष्णादेवी कुछ दूरी पर मिट्टी निकाल रहीं थीं। एकाएक दोनों पर मिट्टी की ढांग भरभरा कर गिर पड़ी। यह देख पास में मिट्टी निकाल रहीं सीमा की मां ने शोर मचाया। आसपास काम कर रहे लोग दौड़ कर मौके पर आ गए। मिट्टी हटाकर किसी तरह दोनों को बाहर निकाला गया। गंभीर हालत में उन्हें सीएचसी लाया गया। जहां चिकित्सकों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। सीएचसी का निरीक्षण कर रहे एसडीएम एमपी ¨सह ने रोते-बिलखते परिजनों को सांत्वना दी। उन्होंने शवों का पोस्टमार्टम कराने की सलाह दी, ताकि पीड़ित परिवारों को सरकारी मदद मिल सके, लेकिन परिजनों ने पोस्टमार्टम कराने से इन्कार कर दिया। पहले मां ने हाथ पकड़कर सीमा को खींच लिया था
दोनों किशोरियां गरीब परिवार से ताल्लुक रखती हैं। सीमा की मां कृष्णादेवी ने बताया कि आंगन की लिपाई के लिए वह मिट्टी लेने निकली थीं। बेटी सीमा ढांग के नीचे घुसी तो उसे कुछ चटकन महसूस हुई तो उन्होंने बेटी का हाथ पकड़कर बाहर खींच लिया था। ढांग के अंदर न जाने को कहा, पर वह दोबारा से यह कहकर ढांग के अंदर चली गई कि अभी पांच मिनट में निकल आऊंगी। इस बीच हादसा हो गया। दूसरी ओर पड़ोस के गांव फैजगंज कमठेना निवासी ज्योति जब घर से मिट्टी लाने की बात कहकर निकल रही थी तो मां ने उसे यह कहकर न जाने को कहा कि हम भला मिट्टी का क्या करेंगे। मगर बेटी बोली घर अच्छा कर लेंगे और वह मिट्टी लेने निकल पड़ीं। यहां मौत दोनों का इंतजार कर रही थी।
------------------ गरीब परिवारों पर हुआ वज्रपात
सीमा के पिता की छह संतान हैं। इनमें तीन बेटियां व तीन बेटे हैं। सीमा चौथे नंबर की बेटी थी। सीमा की शादी के लिए लड़के की तलाश की जा रही थी। ज्योति के पिता भी मजदूर हैं। उनके पांच बेटी व एक बेटा है।
--------------------- सावधान रहें, न फंसे पीली मिट्टी के मोह में
एसडीएम एमपी ¨सह ने हादसे पर गहरा दुख जताते हुए कहा कि लोग ऐसी जगहों से कतई मिट्टी न निकालें, जिसमें उन्हे अंदर सिर डालना पड़े। साथ ही पीली व अच्छी मिट्टी के मोह में जान आफत में न डालें।
----------------------- क्या करें, क्या न करें
-मिट्टी निकालने अकेले न जाएं। परिजनों को साथ में रखें, खासकर पुरुष
-किसी भी ढांग के अंदर सिर न डालें, क्योंकि तेज धूप व गर्मी से मिट्टी में लगातार चटकन हो रही है। वह कभी भी नीचे गिर सकती है।
-हादसा होने पर घबराए नहीं, तुरंत मदद को शोर मचाएं।
-पीड़ित को सीधे नहीं करवट से लिटाकर उसे होश में लाने का प्रयास करें।
-जितनी जल्दी हो उसे पास के अस्पताल में लेकर जाएं।
वर्जन ----
हादसा दुखद है। प्रशासन पीड़ित परिवार की हर संभव मदद करने की कोशिश करेगा। सरकारी सहायता के लिए भी लिखा जाएगा। हालांकि, शवों का पोस्टमार्टम न होने से इसमें कठिनाइयां आ सकती है।
-एमपी ¨सह, एसडीएम बहेड़ी
-------------------- साइड स्टोरी
पीली मिट्टी की चाह सुला रही मौत की नींद
अनदेखी
-हादसों के बाद भी नहीं चेत रहे लोग, चार की जा चुकी जान
-शनिवार को मीरगंज व मंगलवार को बहेड़ी में हुई घटना
संस, बहेड़ी/मीरगंज : पीली मिट्टी की चाह गरीबों को मौत की नींद सुला रही है। पिछले चार दिनों में दो घटनाएं हो चुकी है। एक मीरगंज में, जबकि दूसरी बहेड़ी में। इसके बाद भी लोग सबक नहीं ले रहे हैं।
19 मई को थाना शाही के गांव बीथम नौगवां में ढांग गिरने से ज्वाला देवी पत्नी लीलाधर व शेरू की जान चली गई थी। दोनों गांव से दो किमी की दूरी पर तालाब किनारे से पीली मिट्टी निकाल रहे थे। इस बीच ढांग गिर पड़ी थी। बीस मई को बहेड़ी क्षेत्र के गांव रुड़की में भी इसी तरह से घटना हुई थी। ढांग गिरने से दो किशोरियां घायल हो गई थीं। इस हादसे से भी लोगों ने सबक नहीं लिया। दो दिन बाद मंगलवार को रतनगढ़ के जंगल में ढांग गिरने से दो लड़कियों की मौत हो गई। दोनों लड़कियों को भी पीली मिट्टी की चाह मौत की ओर खींच ले गई थी।