असत्य पर हुई सत्य की जीत
अंतत भगवान श्रीराम ने बुराई और अहंकार के प्रतीक रावण का वध कर दिया। 20 फीट के रावण के पुतले के धरा पर गिरते ही चहुंओर जय श्रीराम का उद्घोष होने लगा। तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठी। आतिशबाजी देख आभास हुआ कि मानो आकाश से रंग-बिरंगे सितारे गिर रहे हों।
बरेली, जेएनएन : डोली भूमि गिरत दसकंधर। छुभित सिधु सरि दिग्गज भूधर।। अंतत: भगवान श्रीराम ने बुराई और अहंकार के प्रतीक रावण का वध कर दिया। 20 फीट के रावण के पुतले के धरा पर गिरते ही चहुंओर जय श्रीराम का उद्घोष होने लगा। तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठी। आतिशबाजी देख आभास हुआ कि मानो आकाश से रंग-बिरंगे सितारे गिर रहे हों। यह दृश्य था रविवार को चौधरी तालाब मुहल्ले में 453वें वर्ष आयोजित रामलीला का।
श्री रानी महालक्ष्मी बाई रामलीला समिति के निर्देशन में हुए आयोजन में रविवार को रावण दहन की लीला देखने दूर-दराज से लोग पहुंचे। रविवार को प्रभु श्रीराम ने अहंकारी दशानन की नाभि में जैसे ही अग्नि बाण मारा, वह धरती पर गिर पड़ा। इससे पहले श्रीराम और लंकाधिराज रावण में घनघोर युद्ध हुआ। श्रीराम ने रावण के दसों शीश काट दिए, फिर भी उसकी मृत्यु नहीं हुई। तब विभीषण ने प्रभु को बताया कि रावण की नाभि में बाण मारें तो उसकी मृत्यु हो जाएगी। रावण के अंत के बाद पुतला दहन हुआ और जमकर आतिशबाजी की गई। केंद्रीय मंत्री ने प्रभु के स्वरूप की उतारी आरती
केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने चौधरी तालाब मैदान पर प्रभु के स्वरूप की आरती उतारकर दशहरे के मेले का शुभारंभ किया। इस दौरान यहां समिति के अध्यक्ष रामगोपाल मिश्रा, प्रभु नारायण तिवारी, धीरेंद्र शुक्ला, शिव नरायन दीक्षित, गोपाल मिश्रा, आदित्य नरायन मिश्रा, कपिल शुक्ला, ललित अवस्थी, डीके बाजपेई समेत अन्य मौजूद रहे।