कान्हा उपवन : यूपी के इस जिले में गोवंश के शवों को लेकर महापौर और नगर आयुक्त में ठनी Bareilly News
वेंडिंग जोन के बाद अब कान्हा उपवन के मुद्दे पर नगर निगम में महापौर और नगर आयुक्त के बीच एक बार फिर खींचतान शुरू हो गई है।
जेएनएन, बरेली : वेंडिंग जोन के बाद अब कान्हा उपवन के मुद्दे पर नगर निगम में महापौर और नगर आयुक्त के बीच एक बार फिर खींचतान शुरू हो गई है। महापौर ने अव्यवस्थाओं के चलते पशुओं की मौत की बात कहते हुए अफसरों को घेरने का प्रयास किया तो नगर आयुक्त ने पलटवार करते हुए प्रमुख सचिव को रिपोर्ट भेजकर महापौर पर साजिश का आरोप लगाया है। यह कहते हुए मृत पशुओं के शव जानबूझकर विवाद खड़ा करने के लिए ही नहीं उठने दिए गए। ताकि सुनियोजित तरीके से नगर निगम के अफसरों को बदनाम और शासन की छवि खराब कर सकें।
प्रमुख सचिव नगर विकास को भेजी रिपोर्ट में नगर आयुक्त सैमुअल पॉल एन ने कहा है कि 15 अक्टूबर को महापौर ने सुनियोजित तरीके से दोपहर डेढ़ बजे मीडिया के साथ कान्हा उपवन गोशाला का निरीक्षण किया। निरीक्षण के समय गोशाला में एक गाय और दो बछड़े मृत पाए गए थे। इनमें एक बछड़ा सांड के प्रहार से, एक बछड़ा व एक गाय स्वभाविक रूप से मर गए थे। इनको उठाने के लिए नगर निगम ने वाहन भेजा था। महापौर ने इनके शव को रोककर सुनियोजित तरीके से मीडिया को यह दिखाने का प्रयास किया कि निगम के अधिकारियों की लापरवाही के कारण गोवंश की मौत हुई है।
नगर आयुक्त ने कहा है कि उक्त प्रकरण का संज्ञान लेते हुए एक तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया गया है। रिपोर्ट आने के उपरांत दोषियों के खिलाफ कारवाई करने की बात कही हैं। नगर आयुक्त ने प्रमुख सचिव से कहा है कि मामले का संज्ञान लेते हुए निगम प्रशासन को जरूरी दिशा निर्देश दिए जाएं, जिससे शासन और नगर निगम की छवि सुरक्षित बनी रहे। उन्होंने कान्हा उपवन में मर रहे गोवंश के बारे में सफाई देते हुए कहा है कि गोशाला में रखे गए गोवंश कमजोर हालत में होते हैं। उनका इलाज तो करवाया जाता है लेकिन पूरी तरह से ठीक नहीं हो पाते हैं। ऐसे में वह प्राकृतिक तरीके से ही मरते हैं।
कान्हा उपवन में यह है व्यवस्था
एक दिसंबर 2018 से कामधेनु गोशाला ट्रस्ट की सहायता से संचालित
350 गोवंश की व्यवस्था लेकिन दो महीने से छह सौ गोवंश हैं।
अगस्त तक गोवंश की व्यवस्थाओं के लिए 53 लाख रुपये का नगर निगम ने किया है भुगतान
कान्हा उपवन में सफाई के लिए सात कर्मचारी लगाए गए। इनमें तीन सफाई नायक एक सफाई एवं खाद्य निरीक्षक और एक मुख्य सफाई और एक खाद्य निरीक्षक
मुङो यह शक था कि कान्हा उपवन में गलत हो रहा है, इसलिए मीडिया को लेकर गया। वहां पड़े शव की आंखें निकल चुकी थीं, शरीर पर छेद थे। अगर अधिकारी चाहते हैं कि गड़बड़ी शासन को पता नहीं चले, ऐसा नहीं होने दिया जाएगा। हकीकत सबके सामने आकर रहेगी।
- डॉ. उमेश गौतम, महापौर