Move to Jagran APP

तीन तलाक पीड़िताओं ने दस बुराइयों का किया दहन, कहा- अब और बर्दाश्त नहीं....पर भड़के उलमा

जिस वक्त विजयादशमी पर पूरा देश रावण के अहंकारी रूप का दहन कर रहा था उसी वक्त बरेली में तीन तलाक पीड़िताओं ने मुस्लिम समाज की दस बुराइयों का दहन किया।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Tue, 08 Oct 2019 10:32 PM (IST)Updated: Wed, 09 Oct 2019 08:25 AM (IST)
तीन तलाक पीड़िताओं ने दस बुराइयों का किया दहन, कहा- अब और बर्दाश्त नहीं....पर भड़के उलमा
तीन तलाक पीड़िताओं ने दस बुराइयों का किया दहन, कहा- अब और बर्दाश्त नहीं....पर भड़के उलमा

बरेली, जेएनएन। जिस वक्त विजयादशमी पर पूरा देश रावण के अहंकारी रूप का दहन कर रहा था, उसी वक्त बरेली में तीन तलाक पीड़िताओं ने मुस्लिम समाज की दस बुराइयों का दहन किया। यह भी एलान किया कि मुस्लिम समाज की उन तमाम कुरीतियों के अंत के लिए महिलाएं सड़क से लेकर संसद तक संघर्ष करेंगी। सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा खटखटाएंगी।

loksabha election banner

अय्यूब खां चौराहे पर मंगलवार देर शाम मेरा हक फाउंडेशन की अध्यक्ष फरहत नकवी की अगुवाई में 70 से अधिक महिलाएं जुटीं। इनमें कई तीन तलाक पीड़िताएं थीं तो कई हलाला और पति के उत्पीड़न का शिकार हुई थीं। सभी के चेहरे पर गुस्सा और नई उम्मीद की किरण साफ झलक रही थीं। महिलाओं के सामने था तीन तलाक, हलाला, बहुविवाह सहित समाज की दस बुराइयों को समेटे रावण का पुतला। सभी एक स्वर में, 'कमजोर है नारी, भूल है तुम्हारी'... बस अब और नहीं... जैसे कई नारे बुलंद किए।

फरहत नकवी ने कहा कि जिस तरह विजयादशमी पर श्रीराम ने रावण का वध करके बुराई पर अच्छाई की जीत हासिल की थी। उसी तरह आज इन दस बुराइयों का दहन करके पूरी दुनिया को संदेश दिया गया है। अब मुस्लिम महिलाएं अपने ऊपर हो रहे उत्पीडऩ को कतई बर्दाश्त नहीं करेंगी। उसका मुकाबला करेंगी।

इन दस बुराइयों का किया दहन

1. तीन तलाक

2. बेवजह पाबंदियां, कैद

3. बहुविवाह (पहली बीवी की रजामंदी के बगैर दूसरी शादी करना)

4. हलाला प्रथा

5. भ्रूण हत्या

6. एसिड अटैक

7. औलाद न होने पर होने वाली प्रताडऩा

7. नौकरी, व्यवसाय के लिए मुस्लिम महिलाओं पर लगने वाले रोक-टोक

8. बेटियों को पढ़ाई से रोकना।

9. मुस्लिम महिलाओं पर बेवजह फतवे जारी करना

10. किसी तरह मानसिक, शारीरिक उत्पीड़न करना

पुतला फूंकने पर भड़के उलमा

विजयादशमी पर बरेली में मुस्लिम महिलाओं द्वारा तीन तलाक व बहुविवाह समेत दस बुराइयों का पुतला दहन किए जाने पर उलमा का कहना है कि कुछ महिलाओं द्वारा सस्ती लोकप्रियता पाने को इस तरह के इस्लाम विरोधी काम किए जा रहे हैं। ऐसी महिलाओं को इस्लाम की सही जानकारी नहीं है। तंजीम अब्ना-ए-दारुल उलूम के अध्यक्ष मुफ्ती यादे इलाही कासमी ने कहा कि जो महिलाएं तलाक और बहुविवाह को कुप्रथा बताकर उनका दहन करने की कोशिश कर रही हैं। शायद उन्हें इस्लाम के बारे में सही जानकारी नहीं है।

पुतला दहन गैरइस्लामी कृत्य

जमीयत दावतुल मुसलिमीन के संरक्षक कारी इसहाक गोरा ने कहा कि इस्लाम मजहब को जब कोई अच्छे से समझ नहीं पाता तो इसमें खामियां निकालता है। कहा कि इस्लाम में हर चीज कंडीशन के आधार पर है। इनमें तलाक और बहुविवाह भी है। कंडीशन के आधार पर ही आदमी तलाक देता है या फिर दूसरी शादी करता है। बुराई के रूप में इनका दहन करने वाली महिलाएं मानसिक दिवालिया प्रतीत होती हैं। इसीलिए पुतला दहन जैसे गैरइस्लामी कृत्य में भी शामिल हो रही हैं। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.