त्योहार की खुशियों में कहीं ट्रेन न बन जाए 'विलेन'
रोजाना बरेली जंक्शन से कई ट्रेनें बनकर चलती हैं। जबकि दर्जनों ट्रेनें लखनऊ, दिल्ली, जम्मूतवी, देहारादून जैसे मुख्य रूट पर जंक्शन से होकर आती-जाती हैं।
बरेली(जेएनएन)। रोजाना बरेली जंक्शन से कई ट्रेनें बनकर चलती हैं। जबकि दर्जनों ट्रेनें लखनऊ, दिल्ली, जम्मूतवी, देहरादून जैसे मुख्य रूट पर जंक्शन से होकर आती-जाती हैं। इन ट्रेनों में हजारों मुसाफिरों ने दीपावली के दिन का ही रिजर्वेशन कराया है। जिस हिसाब से ट्रेनों की लेटलतीफी है उससे संभव है कि घंटों स्टेशन पर इंतजार के बीच त्योहार ही बीत जाए और सैकड़ों लोगों के अरमानों पर रानी फिर जाए। चूंकि त्योहार पर लगभग हर बस में एक-एक सीट के लिए खासा हुज्जत करनी होगी। ऐसे में ट्रेनों की लेटलतीफी त्योहारों पर अपनों से मिलने में 'विलेन' बन सकती है।
अगर ब्लॉक लिया तो बढ़ जाएगी मुश्किल
बीते कुछ दिनों की बात करें तो अलग-अलग जोन में मेगा ब्लॉक और ब्लॉक के चलते लंबे रूट की ट्रेन आठ से 16 घंटे तक लेट रही हैं। मुरादाबाद मंडल में भी पांच और छह नवंबर को मेगा ब्लॉक की योजना रेलवे का इंजीनिय¨रग विभाग बना रहा है। हालांकि ट्रेन ऑपरेट करने वाला विभाग इसके पक्ष में नहीं है। बैठक में जल्द इस पर फैसला होगा। ऐसे में कहीं दीपावली के पहले ब्लॉक लिया गया तो मुश्किल ही है कि त्योहार के दिन ही सफर करने वाले मुसाफिर समय पर घर पहुंच सकें।
दिवाली के दिन तक नो-रूम
आरामदायक सफर के लिए लोग ट्रेन में रिजर्वेशन कराते हैं। कुछ लोगों ने दो से तीन महीने पहले ही अपनी सीट कंफर्म करा ली। जंक्शन से होकर जाने वाली लगभग हर प्रमुख ट्रेन में दीपावली के दिन भी हर सीट रिजर्व है। कई जगह वेटिंग भी फुल होकर नोरूम की स्थिति आ गई है। यानी किसी भी स्थिति में सीट कंफर्म नहीं हो सकती।
हाल में ये ट्रेनें रहीं खासी लेट
सरयू-यमुना एक्सप्रेस (करीब 15 घंटे), जम्मूतवी-गुवाहाटी एक्सप्रेस (करीब 12 घंटे), अवध असोम एक्सप्रेस (आठ घंटे), शहीद एक्सप्रेस (कई बार 12 से ज्यादा घंटे), अर्चना एक्सप्रेस, त्रिवेणी एक्सप्रेस (11 घंटे), दून एक्सप्रेस, आला हजरत एक्सप्रेस, गरीब रथ, जननायक एक्सप्रेस, बाघ एक्सप्रेस।
ट्रेनों के बेहतर संचालन पर फोकस : एडीआरएम
दीपावली पर ट्रेनों के बेहतर संचालन के लिए सभी जंक्शन व स्टेशन के जिम्मेदारों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए गए हैं। अनावश्यक रूप से ट्रेन न रोकी जाए, इसके लिए सुरक्षा बलों को भी कहा गया है। कोशिश रहेगी, इस बीच बेहद जरूरी होने पर ही ब्लॉक लिया जाए। - शरद श्रीवास्तव, एडीआरएम, मुरादाबाद मंडल