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तस्कर गिरफ्तार, पेटीएम से होता था लेनदेन Bareilly News

झारखंड से अलीगंज अफीम की सप्लाई करने जा रहे दो तस्करों को क्राइम ब्रांच ने दबोच लिया। वे जंक्शन से उतरने के बाद मालगोदाम रोड स्थित शराब भट्ठी की ओर जा रहे थे।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Sat, 28 Sep 2019 07:44 PM (IST)Updated: Sat, 28 Sep 2019 07:44 PM (IST)
तस्कर गिरफ्तार, पेटीएम से होता था लेनदेन Bareilly News
तस्कर गिरफ्तार, पेटीएम से होता था लेनदेन Bareilly News

जेएनएन, बरेली : झारखंड से अलीगंज अफीम की सप्लाई करने जा रहे दो तस्करों को क्राइम ब्रांच ने दबोच लिया। वे जंक्शन से उतरने के बाद मालगोदाम रोड स्थित शराब भट्ठी की ओर जा रहे थे। तस्करों के पास से पुलिस ने आधा किलो अफीम, तीन मोबाइल बरामद किए हैं। दोनों को जेल भेज दिया गया।

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पूछताछ में तस्करों ने पुलिस को बताया कि अलीगंज निवासी जयपाल को अफीम सप्लाई करने आए थे। पुलिस को पकड़े गए तस्करों ने अपना नाम विनय कुमार पुत्र नरेश यादव निवासी जगन्नाथपुर व आनंद कुमार पुत्र स्व. बुद्धन सिंह निवासी टिकैत बांध थाना कुंदा जिला चतरा झारखंड बताया है।

पेटीएम के जरिए होता था कारोबार

 तस्करों के पास से पुलिस ने मोबाइल बरामद किए है। जांच के दौरान पता चला कि मोबाइल में पेटीएम मौजूद था। तस्कर सिर्फ जेब खर्च लेकर ही झारखंड से निकलते थे। अफीम की डिलीवरी करने के बाद तस्करों को सप्लायर फिर खर्च के लिए रुपये देता था। बाकी का लेनदेन पेटीएम के जरिए होता था।

वाट्सएप के जरिये बातचीत से पकड़े गए

 पुलिस के अनुसार तस्कर लेनदेन से लेकर अफीम की डिलीवरी तक की सारी बातचीत वाट्सएप पर किया करते थे। रास्ते में तस्करों की अलीगंज के सप्लायर से बात होती थी। तस्कर पल-पल की लोकेशन सप्लायर को देते थे। इस दौरान बात करने के लिए मोबाइल कॉलिंग का प्रयोग नहीं करते थे।

सर्विलांस से मात खा गए तस्कर

इतनी सावधानी बरतने के बाद भी तस्कर सर्विलांस से मात खा गए। अलीगंज के तस्कर का नंबर सर्विलांस पर था। तस्करों से उसी नंबर से एक हफ्ते पहले बातचीत हुई। उसके बाद बातचीत बंद हो गई। जब तस्करों की लोकेशन लखनऊ फिर बरेली की तरफ मिली तो क्राइम ब्रांच सक्रिय हो उठी और तस्करों को दबोच लिया।

झारखंड के नक्सलियों से खरीदते हैं अफीम 

पूछताछ के दौरान पुलिस को पता चला कि तस्कर के तार नक्सलियों से जुड़े हैं। वह जामताड़ा जाकर बिचौलिये के जरिए नक्सलियों से अफीम खरीदते थे। अफीम खरीदने के लिए वह नकद रुपये लेकर जाते थे।


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