Tiger Terror : यूपी के पीलीभीत में बाघ ने दो लोगों को बनाया निवाला, वन विभाग की टीम ने ट्रैंक्यूलाइज कर पकड़ा Pilibhit News
पीलीभीत टाइगर रिजर्व की माला रेंज के जंगल में बाघ ने हमला कर दो लोगों को मौत के घाट उतार दिया। जिसके बाद वन विभाग की टीम ने बाघ को ट्रैंक्यूलाइज कर पिंजरे में कैद किया।
पीलीभीत, जेएनएन। टाइगर रिजर्व की माला रेंज के जंगल में बाघ ने हमला कर दो लोगों को मौत के घाट उतार दिया। दोनों के शव शुक्रवार सुबह गेहूं के खेत में पड़े मिले। इस घटना से पूरे इलाके में दहशत फैल गई। सूचना मिलने पर टाइगर रिजर्व के कर्मचारियों की टीम मौके पर पहुंची और बाघ को तलाशना शुरू कर दिया। फिर लखीमपुर खीरी के दुधवा टाइगर रिजर्व से मंगवाए गए दो हाथियों की मदद से बाघ को ट्रैंक्यूलाइज कर पकड़ लिया गया। बाघ को पिंजरे में कैद करके टाइगर रिजर्व के गेस्ट हाउस ले जाया गया। पूरे मामले की जानकारी लखनऊ मुख्यालय को दे दी है। पकड़े गए बाघ को जंगल में छोड़ा जाएगा या फिर किसी चिड़ियाघर भेजा जाएगा। इसका फैसला मुख्यालय लेगा। फिलहाल, टीम द्वारा बाघ का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है।
गजरौला थाना क्षेत्र के रिछौला गांव के नजदीक खेत में शुक्रवार सुबह इसी गांव के रहने वाले किसान हरदेव सिंह (50) पुत्र पूरन सिंह तथा इसी क्षेत्र के गांव ढेरम मड़रिया निवासी छोटेलाल (30) पुत्र केवल प्रसाद के शव गेहूं के खेत में पड़े मिले हैं। दोनों के शरीर के कुछ हिस्से को बाघ ने खा लिया है। बताया जा रहा है कि जंगल से सटे खेत में यह दोनों फसल की रखवाली कर रहे थे। तभी बाघ ने उन पर हमला कर दिया। बाघ हरदेव सिंह और छोटेलाल को हमला करने के बाद खींचकर खेत के भीतर ले गया। शुक्रवार सुबह जब दोनों लोग घर नहीं लौटे तो परिजनों ने खोजबीन की। जिसके बाद घटना का पता चला। खेत में लहूलुहान हालत में दोनों के शव देख परिवार वाले दहल उठे। मामले की सूचना टाइगर रिजर्व प्रशासन और गजरौला थाना पुलिस को दी गई। जिसके बाद वन कर्मचारियों की टीम तथा थाना पुलिस मौके पर पहुंच गई। घटना की भनक लगने पर क्षेत्र के तमाम लोग मौके पर जुट गए हैं। लोगों में आक्रोश देखकर टीम तुरंत बाघ की तलाश में जुट गई।
दुधवा के हाथियों की मदद से बाघ को किया गया ट्रैंक्यूलाइज
विगत 30 मार्च को भी माला गांव निवासी कृष्णा राय को बाघ ने हमला कर मार डाला था। जिसके बाद दुधवा टाइगर रिजर्व से दो हाथी मंगवाकर बाघ की निगरानी शुरू कराई गई थी। बाघ ने शुक्रवार तड़के दो और लोगों की जान ले ली तो हाथियों को बुलाकर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। इस दौरान वन विभाग की टीम में तीन डॉक्टर शामिल रहे। जिनकी देखरेख में बाघ को ट्रैंक्यूलाइज किया गया। इसके बाद बाघ को पिंजरे में कैद कर रिजर्व स्थित गेस्ट हाउस ले जाया गया। जहां डॉक्टरों की टीम ने उसका स्वास्थ्य परीक्षण किया।
लखनऊ मुख्यालय को भेजी जा रही है रिपोर्ट
बाघ के हमले और रेस्क्यू ऑपरेशन की पूरी रिपोर्ट तैयार कर लखनऊ मुख्यालय भेजी जा रही है। इसके बाद वहां से निर्णय लिया जाएगा कि बाघ को जंगल के अंदर छोड़ा जाएगा या फिर किसी चिड़ियाघर के डिस्पले में रखा जाएगा।
दो माह में बाघ ने छह लोगों को बनाया निवाला
माला रेंज के जंगल में स्थित माला रेलवे स्टेशन के नजदीक विगत तीन माह से बाघ का आतंक कायम था। गुजरे दो माह के दौरान बाघ इस इलाके में अब तक छह लोगों पर हमला कर उन्हें मौत की नींद सुला चुका था। लगातार हो रही मौतों से इलाके के लोगों में टाइगर रिजर्व प्रशासन के लापरवाह रवैये को लेकर खासी नाराजगी थी। वहीं टाइगर रिजर्व प्रशासन मौजूदा समय लॉकडाउन के चलते प्रभावी कदम उठाने में असमर्थता जता रहा था।