संसू, फतेहगंज पश्चिमी : नाइजीरियन साइबर ठगों को बैंक खाता मुहैया कराने वाले धंतिया के तीन गुर्गे सोमवार को फतेहगंज पश्चिमी पुलिस के हत्थे चढ़ गए। दस-दस प्रतिशत कमीशन पर आरोपित नाइजीरियन गिरोह के लिए काम करते थे। मतलब यह कि जो व्यक्ति अपने नाम से खाता खुलवाता, उसे दस प्रतिशत कमीशन मिलता। खुलवाने वाले को दस प्रतिशत रकम मिलती। खाता खुलते ही नाइजीरियन गिरोह खाते का संचालन अपने हाथ ले लेता। कमीशन की रकम छोड़ शेष रकम निकाल लेते। पकड़े गए आरोपितों के पास से कार, लैपटाप, आधार, पैन कार्ड व एटीएम कार्ड व उनके पिन बरामद किए हैं।
फतेहगंज पश्चिमी पुलिस के मुताबिक, पूछताछ में आरोपितों ने अपना नाम साजिद खां, मोईन खान व मोहम्मद राशिद निवासी धंतिया गांव बताया। पूछताछ में आरोपितों ने स्वीकारा कि उनके साथ गांव का ही भूरा उर्फ अफसर अली, जाबिर व राशिद खां भी काम करते हैं।
एक-दूसरे के जरिये ही सभी नाइजीरियन के संपर्क में आए जिसके बाद महज खाता उपलब्ध कराने व खाता खुलवाने वाले को दस-दस प्रतिशत कमीशन मिलना शुरू हाे गया। पहली ही बार में कमीशन के रूप में बड़ी रकम हाथ लगने पर आरोपितों ने गांव के कई लोगों को इकट्ठा किया। इसी के बाद साइबर ठग अन्य जनपदों व राज्यों में साइबर ठगी के बाद इन्हीं खातों का प्रयोग करते।
आरोपितों के पास से चार बैंक आफ बदौड़ा के मिनी स्टेटमेंट की पर्ची, दो पासबुक, एचडीएफसी बैंक व पंजाब नेशनल बैंक, तीन चेकबुक, पांच मेट्रो कार्ड, 11 एटीएम कार्ड व चार एटीएम के पिन कोड, एक लैपटाप एचपी कंपनी का, चिप लगा नेट सेंटर मिला है। इसके अलावा आठ मोबाइल फोन, जिसमें दो एंड्राइड व छह कीपैड वाले फोन शामिल हैं। इसके अलावा उनसे 18 हजार रुपये की नकदी मिली हैं। गिरफ्तार तीनों आरोपितों के विरुद्ध प्राथमिकी लिख उन्हें जेल भेज दिया गया। फरार तीनों आरोपितों को वांछित किया गया है।
दिल्ली में नाइजीरियन ने बना रखा है ठिकाना
नाइजीरियन से संपर्क के सवाल पर आरोपितों ने बताया कि दिल्ली में काम के दौरान नाइजीरियन गिराेह से संपर्क हुआ। आरोपितों ने बड़े लाभ का हवाला दिया। इसी के बाद उनके लिए काम करने को तैयार हो गए। स्वीकारा कि आरोपितों ने दिल्ली में ठिकाना बना रखा है। दिल्ली से ही आरोपित पूरे गिरोह का संचालन करते हैं। हर जनपदों में नाइजीरियन ने गुर्गे बना रखे हैं। तय योजना के तहत, उन खातों का इस्तेमाल किया जाता है।
प्राइवेट बैंक खातों का करते हैं इस्तेमाल
पूछताछ में सामने आया कि आरोपित जो भी खाते खुलवाते, उनके लिए प्राइवेट बैंक का इस्तेमाल करते। सरकारी बैंकों में आरोपित खाते नहीं खुलवाते। चौकाने वाली बात यह है कि साइबर ठगी के लिए जो भी खाते इस्तेमाल किये जाते, वह आनलाइन ही खोले जाते। नाइजीरियन जिनके नाम खाता खुलवाना होता, गुर्गों के जरिये संबंधित के प्रपत्र ले लेते। फिर पूरी जानकारी भरकर खाते का संचालन शुरू करा देते।
वांछित आरोपितों के घर वालों से पूछताछ कर छोड़ा
पकड़े गए आरोपितों ने जब अपने तीन साथियों भूरा उर्फ अफसर अली, जाबिर, राशिद खां का नाम स्वीकारा तो पुलिस ने उनके घरों में दबिश दी। आरोपितों के ना मिलने पर पुलिस उनके स्वजन को उठा लाई। उनसे आरोपितों के बारे में जानकारी की गई लेकिन, स्वजन ने किसी भी जानकारी से इन्कार कर दिया। घंटों बाद भी कोई जानकारी हाथ न लगने के बाद उनके स्वजन को छोड़ दिया गया। पुलिस उनकी तलाश में जुटी है।
नाइजीरियन साइबर ठगों के लिए काम करने वाले तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। फरार तीनों की तलाश के लिए टीम लगी है। उनके स्वजन से पूछताछ की गई है।
- राजकुमार अग्रवाल, एसपी देहात