स्टेडियम में सुबह सैर करने वालों को ढीली करनी पड़ेगी जेब, जानें क्यों
स्पोट्र्स स्टेडियम में सुबह शाम की सैर करने वालों को ताजी हवा मुफ्त में नहीं मिलेगी।
जेएनएन, बरेली : स्पोट्र्स स्टेडियम में सुबह शाम की सैर करने वालों को ताजी हवा मुफ्त में नहीं मिलेगी। उन्हें रुपये खर्च करने पड़ेंगे, इसके बाद ही स्टेडियम में घास पर टहल सकेंगे। क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी ने टहलने वालों से शुल्क वसूलने के नोटिस चस्पा कर दिए हैं।
स्टेडियम में हरी घास और ताजा हवा के लिए सुबह-शाम बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं। इनमें वरिष्ठ नागरिकों और युवाओं की संख्या सबसे ज्यादा होती है। चूंकि इनके आवागमन पर कोई रोकटोक नहीं है, इसलिए कई बार असामाजिक तत्व भी स्टेडियम में प्रवेश पा जाते हैं। खिलाडिय़ों से किसी न किसी बात पर उलझते रहते हैं। इसका समाधान करने के लिए क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी ने प्रवेश शुल्क की व्यवस्था लागू कर दी। जो भी सुबह-शाम स्टेडियम में आएगा, उसे दो सौ रुपये के हिसाब से शुल्क देना होगा।
नोटिस में यह की अपील
चस्पा नोटिस में लिखा है, स्वास्थ्य लाभ के लिए आने वाले पुरुष-महिला और शौकिया खिलाडिय़ों व खेल प्रेमियों से निवेदन है, वो 200 रुपये महीना या सालाना 2400 रुपये शुल्क स्टेडियम कार्यालय में अदा करके सहयोग प्रदान करें।
491 बच्चों ने जमा किया शुल्क
आरएसओ विजय कुमार ने बताया, शुल्क वसूलने की कार्रवाई से आने-जाने वालों की पहचान रहेगी। साथ ही स्टेडियम की आय में भी बढ़ोत्तरी होगी। जिसे व्यवस्थाओं पर खर्च किया जाएगा। अभी तक रोजाना आने वालों में से सिर्फ 491 छोटे बच्चों ने ही शुल्क जमा किया है। जबकि इससे दोगुने लोग रोज स्टेडियम पहुंचते हैं। इन सभी से नोटिस के जरिए स्टेडियम में अनुशासन व व्यवस्था बनाने के लिए फीस जमा करने की बात कही है।
निश्शुल्क हैं नगर निगम के पार्क
सुबह टहलने वालों के लिए स्टेडियम ने भले ही शुल्क लगा दिए हो मगर नगर निगम के पार्क निश्शुल्क हैं। गांधी उद्यान, सेठ दामोदर स्वरूप पार्क, समेत सभी प्रमुख जगहों पर सुबह-शाम बड़ी संख्या में टहलने वाले लोग पहुंचते हैं। एक बार गांधी उद्यान में शुल्क का प्रस्ताव आया था जिसका विरोध हुआ तो नगर निगम को पैर वापस खींचने पड़े थे।
इसलिए फायदेमंद है सुबह की हवा
-दिल दुरुस्त रहेगा। उच्च रक्तचाप की समस्या से निजात क्योंकि टहलने से शरीर में रक्त प्रवाह सुचारू रहता है।
-रोजाना तेज गति से टहलना मांसपेशियों को ताकत देता है। कार्यक्षमता यानी स्टेमिना बढ़ता है।
-कई शोध इस बात की पुष्टि कर चुके हैं कि सप्ताह में करीब तीन घंटे पैदल चलें तो डायबिटीज का खतरा कम हो सकता है।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप