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दहशत : बरेली के पांच परिवारों की इस चेतावनी से पुलिस अधिकारियों के उडे़ होश, तैनात किया फोर्स Bareilly News

हत्यारोपितों पर धमकी देने का आरोप लगाकर दसीपुर से शुक्रवार को दो परिवारों ने गांव छोड़ दिया। अब गवाह समेत पांच और परिवारों ने पलायन की चेतावनी दी है।

By Ravi MishraEdited By: Published: Sun, 23 Feb 2020 09:14 AM (IST)Updated: Sun, 23 Feb 2020 05:57 PM (IST)
दहशत : बरेली के पांच परिवारों की इस चेतावनी से पुलिस अधिकारियों के उडे़ होश, तैनात किया फोर्स Bareilly News
दहशत : बरेली के पांच परिवारों की इस चेतावनी से पुलिस अधिकारियों के उडे़ होश, तैनात किया फोर्स Bareilly News

बरेली, जेएनएन : हत्यारोपितों पर धमकी देने का आरोप लगाकर दसीपुर से शुक्रवार को दो परिवारों ने गांव छोड़ दिया। अब गवाह समेत पांच और परिवारों ने पलायन की चेतावनी दी है। शनिवार को पूरे दिन पुलिस उन्हें समझाती रही। पिछले साल होली पर दसीपुर गांव निवासी विक्रम सिंह का बेटा दीपक लापता हो गया था। दो बाद उसकी लाश खेत में मिली थी। प्रेम प्रसंग में हुई हत्या में पुलिस ने गांव के कुलदीप, बिजनेश नंदन व सत्यवीर को जेल भेजा था। जोकि नवंबर में जमानत पर छूट गए।

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विक्रम सिंह का कहना है कि आरोपित पक्ष समझौता न करने पर धमकी दे रहा। पुलिस ने सुनवाई नहीं की तो शुक्रवार को वह और उनके मददगार त्रिमल गांव छोड़कर चले गए। मामला चर्चा में आने पर शुक्रवार रात तक सीओ रामप्रकाश व अन्य पुलिस अधिकारी विक्रम से फोन पर बात कर गांव वापस आने को कहते रहे मगर उन्होंने खुद को खतरा बताते हुए वापसी से इन्कार कर दिया।

विक्रम के जाने के बाद गांव में तनाव

विक्रम व त्रिमल के परिवार जाने के बाद उनके घरों में लटके ताले खौफ की गवाही दे रहे हैं। पड़ोस में रहने वाले विक्रम के बड़े भाई रामपाल सिंह और उनकी पत्नी बिरमा देवी भी अब दहशत में है। रामपाल ने बताया कि इन सब उठा-पठक के चलते पांच दिन से घर का चूल्हा तक ठीक से नहीं जला।

पलायन के बाद शुरू हुई राजनीति

दोनों परिवार के पलायन और पांच अन्य परिवारों के पलायन की घोषणा के बाद गांव में राजनीति शुरू हो गई है। दीपक हत्याकांड के आरोपित कुलदीप ब बिजनेस के पिता नन्हे सिंह ने इसे चुनावी रंजिश बताते हुए पूरे मामले के लिए ग्राम प्रधान को जिम्मेदार ठहराया है। ग्राम प्रधान महाराज सिंह यादव ने सभी आरोपों को खारिज किया है।

देर रात बचा सामान भी ले गए

रात में विक्रम व त्रिमल के परिवार के पलायन की जानकारी डीआइजी व एसएसपी को लगी तो उन्होंने सीओ आंवला रामप्रकाश व इंस्पेक्टर बिशारतगंज राजेश कुमार सिंह रात में ही मौके पर भेजा। पुलिस ने बचा खुचा सामान लाद रहे विक्रम सिंह व त्रिमल सिंह को समझाने का प्रयास किया। सुरक्षा का भरोसा दिया किंतु घंटों चले प्रयास के बाद भी वे नहीं माने।

पीडितों में खत्म नहीं हुआ खौफ 

इंस्पेक्टर व सीओ ने मामले की सूचना अधिकारियों को दी। अधिकारियों ने फोन पर विक्रम से बात की और समझाते हुए सुरक्षा का भरोसा दिया लेकिन आरोपितों का खौफ इस कदर था कि विक्रम परिवार समेत जाने में ही भलाई समङो। प्रशासन ने घर के बाहर फोर्स तैनात कर दी है।

आरोपित कुलदीप का शांति भंग में चालान

पलायन प्रकरण उठा तो सवालों में घिरी बिशारतगंज पुलिस ने शनिवार को आरोपित कुलदीप को दबोच लिया। उसका शांतिभंग के आरोप में चालान कर दिया। कोर्ट ने कुलदीप को 14 दिन के लिए जेल भेज दिया। वहीं बिजनेश का पिता नन्हे सिंह आरोपों को गलत बता रहा। शनिवार को एक घटनाक्रम और हुआ कि वहीं रहने वाले उल्फत सिंह ने त्रिमल सिंह से अपनी जान को खतरा बताते हुए थाने में तहरीर दे दी।

गवाह को भी दी जा रही धमकी : दीपक हत्याकांड में गांव के ही राकेश गवाह हैं। शुक्रवार रात को जब सीओ गांव पहुंचे तब उन्होंने बताया कि आरोपित उन पर भी समझौते का दबाव बना रहे हैं। धमकी देते हैं कि गवाही दी तो जान से हाथ धोना पड़ेगा।

राकेश के साथ ही उनके कुनबे के रनबहादुर, नन्हे, अम्बरीश व अवधेश ने गांव छोड़ने का चेतावनी दी। रनबहादुर बोले कि दो महीने पहले आरोपितों ने रंजिश में उनके बैल को भाला मारकर घायल कर दिया था। शिकायत की मगर पुलिस ने अनसुना कर दिया। मिलीभगत का आरोप लगाया। इन पांचों परिवार में करीब चालीस सदस्य हैं।

पीड़ित परिवार ने जो आरोप लगाए हैं उसकी जांच हो रही। एक आरोपित का शांति भंग में चालान कर जेल भेजा गया है। - राजेश पांडेय, डीआइजी

गांव से दो परिवारों के पलायन के बाद गांव की हर गतिविधि पर नजर है। किसी ने अगर किसी को परेशान किया तो बख्शा नहीं - राजेश कुमार सिंह, इंस्पेक्टर बिशारतगंज


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