इस बार अस्थाई दुकानों के लाइसेंस नहीं ले रहे कारोबारी
इस दफा पटाखा के फुटकर कारोबारी दुकानें लगाने से ही किनारा किए बैठे हैं। त्योहारों पर बाजार उठान पर होने के बावजूद बरेली में हर साल पटाखा दुकान लगाने वाले आधे कारोबारियों ने लाइसेंस के लिए आवेदन ही नहीं किया
बरेली, जेएनएन। कोविड है.. पटाखा बिकेगा या नहीं। कहना मुश्किल है। यही उहापोह की वजह से इस दफा पटाखा के फुटकर कारोबारी दुकानें लगाने से ही किनारा किए बैठे हैं। त्योहारों पर बाजार उठान पर होने के बावजूद बरेली में हर साल पटाखा दुकान लगाने वाले आधे कारोबारियों ने लाइसेंस के लिए आवेदन ही नहीं किया।
फुटकर दुकानदारों के लिए बरेली में थोक पटाखा का बड़ा बाजार है। उत्तराखंड, पीलीभीत, बदायूं, शाहजहांपुर तक बरेली से पटाखा जाता है। कोविड में पटाखा कम बिकने की वजह से थोक बाजारों में उदासी का माहौल था। हाल में प्रशासन ने अस्थाई पटाखों के बाजारों को लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया शुरू करके थोक बाजार में बूम की राह खोल दी। क्योंकि थोक कारोबारी मान रहा था कि फुटकर दुकानदारों के आने की वजह से उनकी बिक्री में 60 फीसद तक बढ़ोत्तरी होगी।
लेकिन नया बदलाव सामने आया। इस बार पटाखा कारोबारियों ने फुटकर दुकानों के लिए कम लाइसेंस आवेदन किए हैं। कोतवाली और प्रेम नगर में पिछले साल फुटकर दुकान के लिए 150 लाइसेंस जारी हुए थे। इस साल 40-50 लाइसेंस आवेदन आये है। सिटी मजिस्ट्रेट मदन कुमार के मुताबिक जितने आदेवन आए हैं, सत्यापन के बाद उन्हेंं लाइसेंस जारी किया जा रहा है।
इसके अतिरिक्त नकटिया, कांधरपुर, लाल फाटक पर पटाखा दुकान लगाने के सदर तहसील से इस साल 30 लाइसेंस मांगे गए है। पिछले साल करीब 80 जारी हुए थे। वही पटाखा थोक बाजार के लिए पिछले साल भी 52 लाइसेंस जारी हुए थे। इस बार भी वही कारोबारी थोक की दुकानें लगा रहे हैं।
वर्जन
पिछले साल की तुलना में इस दफा कम आवेदन आए है। दुकानें भी पिछले साल की तुलना में कम लगने वाली है। - मदन कुमार, सिटी मजिस्ट्रेट