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बरेली में तय कीमत से ज्यादा में खरीदी गई ये किट, शासन ने मांगी रिपोर्ट, मचा हड़कंप

कोरोना की जांच में सामने आए घोटाले के बाद जिले में भी हड़कंप मचा हुआ है। बड़ी बात यह है कि जिले में भी थर्मामीटर किट की खरीदी सरकार की तरफ से तय रेट से ज्यादा दाम पर की गई है।

By Ravi MishraEdited By: Published: Sun, 13 Sep 2020 07:00 AM (IST)Updated: Sun, 13 Sep 2020 08:55 AM (IST)
बरेली में तय कीमत से ज्यादा में खरीदी गई ये किट, शासन ने मांगी रिपोर्ट, मचा हड़कंप
बरेली में तय कीमत से ज्यादा में खरीदी गई ये किट, शासन ने मांगी रिपोर्ट, मचा हड़कंप

बरेली, शांत शुक्ला : कोरोना की जांच में सामने आए घोटाले के बाद जिले में भी हड़कंप मचा हुआ है। बड़ी बात यह है कि जिले में भी थर्मामीटर किट की खरीदी सरकार की तरफ से तय रेट से ज्यादा दाम पर की गई है। इस पूरे मामले की जांच के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने पहले ही एसआईटी का गठन कर दिया है। ऐसे में शासन की तरफ से भी जिले की अधिकारियों से खरीदी गई किट की रिपोर्ट मांगी गई है।

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सरकार ने बढ़ते कोरोना के मामलों की रोकथाम करने के लिए घर घर जांच करवाने का फैसला किया था। इसके लिए जिले में 16 सौ सर्विलांस टीम बनाई गई थी। बनाई गई सर्विलांस टीम के लिए सरकार की तरफ से इन्फ्रा थर्मामीटर और पल्स आक्सीमीटर की खरीदी के लिए 28 सौ रुपये तय किए गए थे लेकिन जिले में तय रेट से ज्यादा दाम पर उपकरणों की खरीदी कर ली गई और जिम्मेदारों ने नियम निर्देशों को दरकिनार करके 28 सौ रुपये की बजाय इसकी 37 सौ रूपये तक में खरीदी कर ली । इतना ही नहीं 13 लाख रुपये का भुगतान भी कर दिया गया।

वही करीब 30 लाख रुपये से इन किट की खरीदी की गई है। ये खरीदी जून महीने में की गई थी। इनका भुगतान भी वीएचएम खाते से कर दिया गया। स्वास्थ्य विभाग को जिम्मेदारी जब सरकार ने उपकरणों को खरीदने के आदेश दिए तो डीएम ने गांव में जांच करने को उपकरण खरीदने के लिए पंचायती राज विभाग की बजाय स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को ही इसकी खरीद करने के निर्देश दिए थे। उनका तर्क था कि यह मेडिकल संबधित उपकरण हैं। इसलिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की इसकी गुणवत्ता के बारे में ज्यादा पता होगा।

निर्णय यह हुआ कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी और ऐनम इसकी खरीदी करेंगे और इसका भुगतान वीएचएम खाते से होगा। यह खाता प्रधान और ऐनम के संयुक्त खाता होता है। इस खाते में उपकरणों की खरीद के लिए हर साल 10 हजार रुपये आते है। अब जब प्रदेश स्तर पर खरीदी किट पर बड़ा घोटाला निकलकर सामने आया तो जिले के अधिकारियों से भी रिपोर्ट मांगी गई है। करीब 1208 खरीदी गई किट का ब्यौरा तैयार करके अधिकारी रिपोर्ट भेजने की तैयार कर रहे हैं। सरकार ने गठित की है एसआईटी योगी सरकार ने घोटाला सामने आने के बाद अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार को एसआईटी का चीफ बनाया है।

जिसमें चिकित्सा शिक्षा विभाग के सचिव अमित गुप्ता और नगर विकास मंत्रालय के सचिव विकास गोठलवाल को भी इस टीम में रखा गया है। योगी ने एसआईटी को हर पहलू की जांच करने को कहा है।सुल्तानपुर से हुई थी शुरुआत सबसे पहले उपकरणों की खरीदी में गड़बड़ी का मामला सुल्तानपुर में सामने आया था । इसके बाद सीएम के सचिव संजय प्रसाद ने पंचायती राज विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी को जांच के लिए कहा था। जांच में शिकायत सही पाई गई और अधिकारियों पर गाज भी गिरी।

गांव गांव में जांच के लिए खरीदी गई थी थर्मामीटर किट। शासन ने सर्विलांस टीम के लिए खरीदी गई किट का ब्यौरा मांगा है जिसकी रिपोर्ट बनाकर भेजी जा रही है। धर्मेंद्र कुमार, डीपीआरओ


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