प्रभारी मंत्री श्रीकांत शर्मा के जगाने से सिस्टम तो जागा, लेकिन कितने बदले हालात... पढिए ये खास रिपोर्ट Bareilly News
सिस्टम जागा जरूर लेकिन उतना नहीं जिससे बदलाव दिखाई देता। जिले के प्रभारी मंत्री श्रीकांत शर्मा जिस मलिन बस्ती में जाकर अफसरों पर खफा हुए थे।
जेएनएन, बरेली : सिस्टम जागा जरूर लेकिन उतना नहीं, जिससे बदलाव दिखाई देता। जिले के प्रभारी मंत्री श्रीकांत शर्मा जिस मलिन बस्ती में जाकर अफसरों पर खफा हुए थे। वहां की हालत में दूसरे दिन कोई सुधार नहीं दिखा। उल्टे सफाईकर्मी ही वहां से नदारद हो गए। शेल्टर होम से नई चादर हटा दी गईं। जिला अस्पताल में मंत्री के कहने पर शौचालय का ताला जरूर खुला लेकिन वहां गंदगी पसरी हुई थी। अफसर मंत्री के निर्देश पर अमल से पहले उनके निरीक्षण और बैठक का कार्यवृत्त जारी होने का इंतजार कर रहे हैं।
एनओसी पर फंसा पेंच : लाल फाटक पुल का काम मार्च तक पूरा करने के निर्देश हो गए मगर एनओसी का पेंच फंसा हुआ है। जब तक सेना से एनओसी नहीं मिलेगी, पुल का काम शुरू नहीं होगा। सेतु निगम के डीपीएम वीके सेन का कहना है कि दूसरे सभी काम कराए जा चुके हैं। अब रक्षा मंत्रालय जितनी जल्दी एनओसी दे दे, उतनी जल्दी काम शुरू हो जाएगा।
केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार के माध्यम से डायवर्जन रोड के लिए भेजे गए एस्टीमेट को शासन से जल्द से जल्द स्वीकृत कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। रेलवे के अधिकारियों से उच्च स्तर पर क्रासिंग को जल्द से जल्द शिफ्ट करने के लिए वार्ता चल रही है। रेलवे अगर क्रासिंग शिफ्ट कर देता है तो फिर हम वहीं से डायवर्जन रोड बनाने का काम शुरू कर देंगे।
इसके पहले डीएम नितीश कुमार ने भी एडीएम सिटी को ऐसी जमीन चिन्हित करने के निर्देश दिए हैं, जो सेना को दी जा सके। हालांकि मंत्री के निर्देशों का कितना असर होता है। यह तो कुछ दिन बाद ही पता चलेगा। सेतु निगम अफसरों का कहना है कि पुल में जो काम होने थे वह हो चुके हैं। अब सेना की एनओसी जितनी जल्दी मिलेगी उतनी ही जल्दी काम शुरू होगा।
हरुनगला मलिन बस्ती पुराने हाल पर पर पहुंच गई : बुधवार को मंत्री का निरीक्षण हुआ, गुरुवार को वहां के हालात पहले जैसे हो गए। यहां के रहने वाले पप्पू का कहना है कि बस मंत्री को दिखाने के लिए ही सफाई कराई गई थी। बेलावती का कहना है कि गलियों में इतना पानी भरा है कि उसकी वजह से घर की नींव धसी जा रही है। प्रीति कहती है कि मंत्री के जाने के बाद उनके निर्देश का पालन नहीं किया गया। बिजली के खंभों के खुले बाक्स बंद नहीं हुए।
शेल्टर होम में चादर हट गई, रख दी गईं बक्से में : जिस शेल्टर होम में बुधवार को गद्दों पर नई चादरें बिछी हुई दिखाई दी थी वे मंत्री के जाते ही उतार कर बक्से में रख दी गई। प्रबंधक का कहना है कि जब कोई आएगा तो चादरें बिछी दी जाएगी लेकिन इसका जवाब नहीं दे सकी कि जब ऐसा था तो मंत्री के आने पर नई चादरें क्यों बिछाई गई।