शाहजहांंपुर में पुलिस ने किया बड़ा खुलासा, इनाम पाने के लिए बना दी नकली पेस्टीसाइड की फर्जी दुकान
छह दिन पहले खुटार में पकड़े गए नकली पेस्टीसाइड मामले में पुलिस ने बड़ा पर्दाफाश किया है। इनाम के लालच में कंपनी के कर्मचारियों ने पहले दुकान नकली पेस्टीसाइड रखवाया था। फिर दुकान मालिक को बिक्री के आरोप में पकड़वाकर जेल भेज दिया।
शाहजहांपुर, जेएनएन। छह दिन पहले खुटार में पकड़े गए नकली पेस्टीसाइड मामले में पुलिस ने बड़ा पर्दाफाश किया है। इनाम के लालच में कंपनी के कर्मचारियों ने पहले दुकान नकली पेस्टीसाइड रखवाया था। फिर दुकान मालिक को बिक्री के आरोप में पकड़वाकर जेल भेज दिया। जांच में पूरा खेल सामने आने पर पुलिस ने एक को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि दो अब भी फरार हैं। जिनकी तलाश जारी है।
मथुरा के थाना माट के ग्राम नगला खेमा निवासी जीतू शर्मा दिल्ली की टाटा रैलिस कंपनी में कर्मचारी है। जीतू व उसकी टीम नकली माल पकड़वाने का काम करती है। हर बार नकली माल पकड़वाने पर उसकी टीम को 50 हजार रुपये इनाम मिलता है। इसी लालच में करीब दस दिन पहले उसने अपने सीनियर दिल्ली निवासी विजय व चंदन के साथ मिलकर खुटार में अशोक वर्मा से एक हजार रुपये पर दुकान किराये पर ली। एक चाबी अपने पास रख ली।
उन लोगों ने बताया कि पेस्टीसाइड के लिए दुकान किराए पर लेना चाहते हैं, जिस पर विश्वास होकर दुकान दे दी। करीब सात दिन पहले उन लोगों ने रात में दुकान में नकली पेस्टीसाइड, फंगीसाइड, कीटनाशक, नकली पाउच, रैपर, पाउडर, कैमिकल, पैकिंग मशीन आदि वहां पर डाल दिए। उसके बाद 27 दिसंबर को पुलिस को नकली पेस्टीसाइड की सूचना देकर छापा डलवा दिया। माल के साथ-साथ दुकान मालिक को भी पकड़वा दिया। जिसे पुलिस ने जेल भेज दिया था।
जिला कृषि रक्षा अधिकारी शिवशंकर ने भी मौके पर पहुंचकर नमूने लिए थे। इस मामले में पुलिस ने अपनी जांच आगे बढ़ाई तो मामला सामने आया। शुक्रवार सुबह पुलिस ने जीतू को मैलानी रोड पर बाबा तिराहे के पास से गिरफ्तार किया। उसके पास से पेस्टीसाइड की एक-एक लीटर की दो बाेतलें, वेयर कंपनी की फंगीसाइड व खरपतवार नाशक के पाउच 100-100 ग्राम के पाउच, व खाली पाउच बरामद किए।
विजय व चंदन लाए थे माल
दुकान में जो कैमिकल व माल बरामद हुआ था वह कहां से लाया गया इस बारे में जीतू कुछ नहीं बता पा रहा है उसका कहना है कि यह सब चंदन व विजय कहीं से लाए थे। दोनों लोग दिल्ली में कहां रहते हैं इस बारे में भी उसे कुछ नहीं मालूम है। रुपयों के लालच में पड़कर तीनों ने यह कृत्य किया।
पिछड़े क्षेत्रों पर रखते हैं नजर
यह लोग ज्यादातर अनपढ़ व गरीब लोगों की दुकानों को किराए पर लेते हैं। पिछड़े क्षेत्र के किसानों के पास जाकर कंपनी के ब्रांड की नकली दवा बिकवाते हैं। कंपनी को शक न हो इसलिए एक दो जगह छापा डलवाते हैं। उसके बाद अपना ही नकली माल पकड़वाकर इनाम लेते हैं। इस बार ये लोग खीरी के मैलानी में फर्जीवाड़ा करने की तैयारी में थे। जिसके लिए शुक्रवार को जीतू मैलानी में दुकान देखने जा रहा था।
पहले भी कर चुका है फर्जीवाड़ा
जीतू पहले भी इस तरह का फर्जीवाड़ा कर चुका है। उसने संभल के थाना क्षेत्र गुन्नौर में डाबर कंपनी का फर्जी माल इसी तरह झूठी सूचना देकर पकड़वाया था। जिसका उसके ऊपर मुकदमा दर्ज हुआ है। जिसके बाद उसे कंपनी से निकाल दिया गया था। इसके बाद उसने टाटा रैलिस कंपनी में नौकरी कर ली। उसने अपने गिरोह के साथ एक दर्जन जगहों पर छापेमारी कर कार्रवाई की ।
ऐसे हुआ शक
विवेचक रामानंद मिश्र ने बताया कि दुकान में बिजली कनेक्शन न होने पर पहले ही दिन पुलिस को शक हो गया था। वहां पर केमिकल मशीन रखी हुई थी, लेकिन केमिकल नहीं था। मशीन भी बिना बिजली के चल सकती है। जिससे दुकान मालिक को लगा कि वह किसी षड्यंत्र का शिकार हो गया है। जीतू से 3 दिन बाद थाने आने के लिए कहा तो उसने अपनी लोकेशन दिल्ली में बताई। सर्विलांस की मदद ली गई तो उसकी लोकेशन अलीगढ़ निकली। जिससे जीतू पर शक और गहरा गया।
इस गिरोह के अंतरराज्यीय होने की पूरी संभावना है। इसमें और भी तमाम लोगों के शामिल होने की संभावना है जिनके संबंध में जानकारी एकत्र की जा रही है। जीतू को जेल भेजा जा रहा है। जयशंकर सिंह, एसओ खुटार