अमेरिका, जर्मनी तक पहुंचा बरेली का मेंथा, किसान बोला- फसल से पहले तैयार हो रहे खरीदार Bareilly News
जैविक खेती के फायदे जानने हैं तो उन्नतशील कृषक निहाल सिंह के बारे में जानिए। सोलह साल पहले उन्होंने सिर्फ तीन एकड़ जमीन से जैविक खेती की शुरुआत की थी।
बरेली, जेएनएन : जैविक खेती के फायदे जानने हैं तो उन्नतशील कृषक निहाल सिंह के बारे में जानिए। सोलह साल पहले उन्होंने सिर्फ तीन एकड़ जमीन से जैविक खेती की शुरुआत की थी। वर्तमान में जिले के 35 सौ किसानों को अपने साथ जोड़कर वह पांच हजार हेक्टेयर भूमि पर देसी खाद के जरिये खेती कर रहे हैं।
वह बताते हैं कि जैविक उत्पादों की मांग बाजार में सबसे ज्यादा है। फसल तैयार होने से पहले उसके खरीदार तैयार हो जाते हैं। यहां उपजा जैविक मेंथा जर्मनी और यूएसए (अमेरिका) तक भेजा जा रहा है। इसकी बहुत डिमांड है। तुलसी की सूखी पत्ती की भी अमेरिका में खूब मांग है। जैविक खाद से पैदा हुए धान, गेंहू और आलू की सिर्फ उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे देश में मांग होती है।
निहाल सिंह ने बताते हैं कि 2003 में कॉलेज के एक लेक्चर में सुना था कि रसायनिक खाद जमीन को कितना नुकसान पहुंचा रही हैं। शरीर में बीमारियां बढ़ रही हैं। इसके बाद जैविद खाद से उड़द की खेती से शुरुआत की थी। पांच साल तक व्यावसायिक फायदा नहीं मिला।
इन्हीं चुनौतियों से सीखते हुए 2008 में जैविक उत्पाद के लिए बाजार खड़ा कर लिया। आज 3500 किसानों के साथ मिलकर जैविक खेती कर रहे हैं। कहते हैं कि शुरुआत में रसायनिक खाद की तुलना में जैविक खेती में लागत अधिक पैदावार कम होती है। लेकिन लंबे समय में यही मुनाफे का सौदा होती है।